बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में 4 साल पहले 14 साल की लड़की के साथ ‘निर्भया’ जैसी हैवानियत करने वाले 2 युवकों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। यहां नवाबगंज की रहने वाली किशोरी के साथ 29 जनवरी 2016 को 2 युवकों ने दुष्कर्म किया था। अभियुक्तों ने दुष्कर्म के बाद किशोरी की हत्या कर दी थी। पोस्टमार्टम के दौरान लड़की के प्राइवेट पार्ट में लकड़ी का टुकड़ा मिला था। 8 जनवरी को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा- अभियुक्त मुरारीलाल व उमाकांत को तब तक फांसी पर लटकाया जाए जब तक उनकी मौत नहीं हो जाती है।
यह था मामला
नवाबगंज थाना इलाके के एक गांव निवासी किशोरी 29 जनवरी 2016 की शाम अपनी मां के साथ खेत गई थी। मां खेत से घर लौट आई, लेकिन बेटी लापता थी। उसकी तलाश शुरू हुई तो उसका शव खेत में अर्द्धनग्न अवस्था में मिला था। पुलिस ने साक्ष्यों को फॉरेंसिक लैब भेजा। रिपोर्ट आई तो घर व गांववालों की आशंका सच साबित हुई। किशोरी के साथ दुष्कर्म किया गया था। उसके प्राइवेट पार्ट में लकड़ी का टुकड़ा मिला। कई चोट के निशान भी मिले।
पुलिस ने तफ्तीश बढ़ाई, लेकिन कोई पुख्ता सुराग अभियुक्तों के बाबत नहीं मिला। इसी बीच गांव के रामचंद्र ने पुलिस को बताया कि उसके पास मुरारीलाल व उमाकांत मदद मांगने आए थे। वो पुलिस से बचने की बात कह रहे थे। पुलिस ने 31 जनवरी 2016 को मुरारीलाल व उमाकांत को गिरफ्तार किया। दोनों से पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो अपना जुर्म कबूल कर लिया।
तत्कालीन सीओ नरेश कुमार ने मामले की जांच की। इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट को मजबूत साक्ष्य बनाए गए और पीड़ित की दादी, मां के अलावा रामचंद्र समेत 11 लोगों को गवाह बनाया गया। 2017 में पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। तब से न्यायालय में यह मामला चलता रहा।
मां-बाप की इच्छा पूरी हुई
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी रीतराम राजपूत ने कोर्ट में मजबूती से इस मामले को रखा। सरकारी वकील सुनीति कुमार पाठक ने बताया- बताया कि दोनों अभियुक्त जेल में हैं। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सुनील कुमार यादव ने दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। मुरारीलाल व उमाकांत को तब तक फांसी पर लटकाया जाए जब तक उनकी मौत नहीं हो जाती है। पीड़ित के माता-पिता की भी यही इच्छा थी उनकी बेटी के दुष्कर्मियों को फांसी की सजा मिले।