कर्नाटक। कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार शाम गिरफ्तार कर लिया। ईडी की ओर से चौथी बार पूछताछ के बाद शिवकुमार को मंगलवार को अरेस्ट किया गया। एक अफसर ने बताया कि शिवकुमार न तो पूछताछ में सवालों के जवाब दे रहे थे और न ही जांच में सहयोग कर रहे थे।
ईडी की गिरफ्तारी से बचने के लिए शिवकुमार ने कर्नाटक हाई कोर्ट में अंतरिम जमानत की अर्जी दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद शिवकुमार शुक्रवार को ईडी के सामने पहली बार पेश हुए। डीके शिवकुमार का नाम कांग्रेस के सबसे अमीर प्रत्याशियों में आता है। वे 850 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। गुजरात राज्यसभा चुनाव के वक्त शिवकुमार रिसॉर्ट में कांग्रेसी विधायकों को कर्नाटक में ठहराया गया था।
इस मामले में फंसे कांग्रेस नेता
साल 2016 की नोटबंदी के बाद से डीके शिवकुमार इनकम टैक्स और ईडी के रडार पर थे। 2 अगस्त 2017 को उनके नई दिल्ली आवास पर इनकम टैक्स ने छापा मारा था, जिसमें 8।59 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए थे। इसके बाद आयकर विभाग ने कांग्रेस नेता और उनके चार अन्य सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इनकम विभाग की चार्जशीट के आधार पर ईडी ने शिवकुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया।
सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग ने अपनी जांच के दौरान दिल्ली और बेंगलुरु में क्रॉस-बॉर्डर हवाला लेनदेन और बेहिसाब नकदी के इस्तेमाल का पता लगाया। यह भी आरोप लगाया गया कि डीके शिवकुमार और उनकी बेटी जुलाई 2017 में एक वित्तीय लेनदेन के लिए सिंगापुर गए थे। आयकर विभाग का दावा है कि उसकी जांच में डीके शिवकुमार से जुड़ी 429 करोड़ रुपये की बेहिसाब संपत्ति का खुलासा हुआ।
कौन हैं डीके शिवकुमार
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बाद डीके शिवकुमार कांग्रेस के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं। वह वोक्कालिगा समुदाय से हैं, जो राज्य की सियासत में लिंगायत के बाद किंगमेकर मानी जाती है। कर्नाटक में 6 मुख्यमंत्री अब तक वोक्कालिगा समुदाय से बने हैं। जेडीएस चीफ एचडी देवगौड़ा भी वोक्कालिगा समुदाय से हैं। डीके शिवकुमार रामनगरम जिले की कनकपुरा सीट से 2008 में विधायक बने थे। इसके बाद 2013 में इसी सीट से उन्होंने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी।