नई दिल्ली। समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने वरिष्ठ नागरिकों को उनके बच्चो द्वारा घरेलू उत्पीड़न के मुद्दे पर जिला अधिकारी (डीएम) और मेंटेनेंस ट्रिब्यूनल के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को ऐसे लंबित पड़े मामलों को तुरंत निपटाने के निर्देश दिए।
राजेंद्र पाल गौतम की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में हुई बैठक में कई फैसले लिए गए। अपीलीय न्यायाधिकरण में वृद्ध लोगों की समस्याओं के रखरखाव और बेदखली के मामलों को जल्द निपटाने के लिए निर्देश दिए। हर अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए दो गैर-आधिकारिक सदस्यों की नियुक्ति के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए, जो यह सुनिश्चित करेगा की डीएम की अनुपस्थिति में कार्यवाही नियमित रूप से संचालित होती रहे ताकि वरिष्ठ नागरिकों को जल्द राहत मिल सके।
विभाग को निर्देश दिया गया कि भुगतान के नियमों में संशोधन कर गैर आधिकारिक सदस्यों का भुगतान रुपए एक हजार रुपये से बढ़ाकर चार हजार रुपये किया जाए और उनकी पात्रता में अपीलीय न्यायाधिकरण के सदस्यों के लिए योग्यता में छूट देने के सुझाव दिए। बैठक में यह बताया गया कि बिना ‘कारण बताओ नोटिस’ के पुलिस अधिकारी बेदखली आदेशों का पालन नहीं करते। बेदखली आदेशों में विलंब किए जाने के मुद्दों पर भविष्य में पुलिस विभाग के अधिकारियों को बैठकों के लिए भी बुलाया जा सकता है।
सभी डीएम ने सर्वसम्मति से कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए वरिष्ठ नागरिक अधिनियम 2007 के तहत रखरखाव और बुजुर्गों के कल्याण के मामलों को अदालतों को नहीं सौंपा जाना चाहिए क्योंकि ऐसे मामलों में मानवीय और सामाजिक स्पर्श की जरूरत है और क्योंकि यह मामले अर्द्धन्यायिक हैं। डीएम इसे बेहतर तरीके से कर सकते है।