लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने नई 11 जेलों के निर्माण का फैसला लिया था। जिसमें से महोबा जिले में ढाई दशक बाद अब मॉडल जेल बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए 65 एकड़ जमीन भी फाइनल की गई है। मॉडल जेल के निर्माण में 203 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होगी। इन जेलों को वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए हाईटेक टेक्नोलॉजी का यूज करते हुए बनाया जाएगा। इसके साथ ही नई जेलों के निर्माण का लक्ष्य 2 से 5 साल का निर्धारित किया गया है।
इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष दोबारा बैठक होने पर शासन ने नई जेलों के निर्माण का प्रस्ताव रखा, जिसे सीएम ने हरी झंडी दे दी। सीएम योगी का अप्रूवल मिलते ही शासन ने कारागार विभाग को नई जेलों के निर्माण के लिए भारीभरकम बजट जारी कर दिया।
आपको बताते चलें कि महोबा में पिछले 28 सालों से उप कारागार में बंदियों को रखा जा रहा है। जहां जेल की क्षमता भी 200 बंदियों को रखने की है, लेकिन क्षमता से दोगुना बंदी इस जेल में बंद है।
मॉडल जेल के निर्माण को जमीन अधिग्रहण
नई जिला जेल बनाने के लिए शहर के बिलवई रोड पर 65 एकड़ जमीन अधिग्रहीत की गई है। इस जमीन में लोक निर्माण विभाग भवन निर्माण इकाई बांदा ने जेल का निर्माण भी शुरू करा दिया है। महोबा के जिलाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि ‘प्लान तैयार कराकर जेल का निर्माण तेजी से कराने के निर्देश दिए गए है। ये जेल दो सालों के अंदर बनकर तैयार होगी। जेल के निर्माण में 203 करोड़ रुपये की लागत आएगी। शासन के निर्देश पर इस जेल को मॉडल जेल बनाने की तैयारी भी है।’
जेल के लिए पहली किस्त आवंटित
हालांकि 990 बंदियों की क्षमता वाली नई जिला जेल बनाने के लिए शासन ने फिलहाल 25 करोड़ रुपये की पहली किस्त रिलीज कर दी है। इस नई जेल में सभी जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी। जेल निर्माण के समय मिट्टी भराई, स्टोन कटिंग, खुदाई, रायल्टी, मोरम सहित अन्य कार्य कराने के लिए डीएम ने 21 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा था जिसमें साढ़े 11 करोड़ रुपये की मंजूरी भी शासन ने दे दी है। नई जिला कारागार के सभी निर्माण अगले साल तक पूरा कराने की भी तैयारी है।
नई जेलों से अपराधियों पर नकेल
आपको बता दें कि अमेठी, महोबा, कुशीनगर, चंदौली, औरेया, हापुड़, संभल, अमरोहा, भदोही, हाथरस, शामली में नई जेलों के निर्माण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। वहीं ललितपुर में नये केंद्रीय कारागार का निर्माण होना है। ललितपुर में ही एक हजार बंदी क्षमता के दूसरे जिला कारागार का भी निर्माण होगा। बरेली की पुरानी जेल के मरम्मत एवं नवीनीकरण के लिए राशि मंजूर कर दी गई है।
एडवांस तकनीक से लैस होगी नई जेल
प्रदेश में बनने वाली इन नई जेलों में कैदियों पर निगाह रखने के लिए अत्याधुनिक सर्विलांस सिस्टम, बॉडी वॉर्न कैमरा और अन्य टेक्निकल सिस्टम लगाए जाएंगे। इससे खूंखार कैदियों की सघन निगरानी की जा सकेगी।
ओवर क्राउडिंग से मिलेगी निजात
अभी हाल की बात करें तो, प्रदेश की 74 जेलों की क्षमता 62281 बंदियों की है, जबकि इनमें करीब 1 लाख 18 हजार 221 बंदी निरुद्ध हैं। ऐसे में जेलों में ओवरक्राउडिंग की समस्या को दूर करना चुनौतीपूर्ण है। इसके लिए नई जेलों के निर्माण के साथ पुरानी जेलों में और बैरकों की मरम्मत करनी होगी।
सीएम योगी का बंदियों पर विशेष फोकस
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक उच्च स्तरीय बैठक में कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग ने अवगत कराया था कि वर्तमान में प्रदेश की केंद्रीय और जिला कारागार समेत कई कारागार में क्षमता से अधिक बंदी हैं। ऐसे में जेल मैनुअल द्वारा प्रदत्त सुविधाएं उपलब्ध कराने और बंदियों के मानवाधिकारों के संरक्षण को देखते हुए नई जेलों की आवश्यकता है।
इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग को जल्द से जल्द नई जेलों के निर्माण के संबंध में प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये थे, जिसके बाद विभाग ने प्रदेश के 11 जिलों में नई जेलों के निर्माण का प्रस्ताव बनाकर शासन को सौंपा था।
वरिष्ठ अधिकारियों का क्या कुछ कहना
इसी को लेकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने सीएम योगी को जानकारी दी थी कि वर्तमान में 7 केंद्रीय कारागारों में 13 हजार 669 बंदियों की क्षमता है, जबकि इनमें 15 हजार 201 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका अनुपात 111 प्रतिशत है।
वहीं दूसरी तरफ बात करें तो 62 जिला कारागारों में 49 हजार 107 बंदियों की क्षमता है, जिसकी तुलना में 95 हजार 597 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका अनुपात 194 प्रतिशत है। वहीं, 2 उप कारागारों में 306 बंदियों की क्षमता है, जिसके सापेक्ष 664 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका रेश्यो 216 प्रतिशत है। महिला केंद्रीय कारागार में 120 बंदियों की क्षमता है, जिसके सापेक्ष 148 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका रेश्यो 123 प्रतिशत है।
जिलों में नई जेल के निर्माण कार्य में तेजी
उत्तर प्रदेश शासन से नई जेलों के निर्माण का बजट पास होते ही प्रदेश के उन जिलों में जेलों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया, जहां पर अभी तक कोई जेल नहीं है। प्रदेश के 11 जिलों क्रमश: अमेठी, महोबा में 990-990 बंदी क्षमता और कुशीनगर, चंदौली, औरेया, हापुड़, संभल, अमरोहा, भदोही में एक-एक हजार बंदी क्षमता, हाथरस में 1026 बंदी क्षमता, शामली में 2 हजार बंदी क्षमता की जेलों के निर्माण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
ऐसे में बात करें तो नई जेलों के निर्माण, कुछ जेलों की मरम्मत और जेलों में बैरक की क्षमता बढ़ाने से 35 हजार से अधिक बंदियों को जिन जेलों में क्षमता से अधिक रखा गया है, उन्हे यहां नई जेलों में शिफ्ट किया जा सकेगा।