नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच दिन लगातार press conference कर इससे भी ज्यादा करीब 21 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषण कर दी है। लेकिन जानकारों का कहना है कि इसमें से सरकार की जेब से real में सिर्फ 1.5 lakh करोड़ रुपये खर्च होंगे। PM Modi ने कहा था कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत GDP के करीब 10 फीसदी के बराबर का राहत पैकेज दिया जाएगा। कोरोना से economy और जनता को राहत देने के लिए PM Modi ने 20 lakh करोड़ रुपये के पैकेज देने का ऐलान किया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच दिन लगातार press conference कर इससे भी ज्यादा करीब 21 lakh करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा कर दी है। लेकिन जानकारों का कहना है कि इसमें से सरकार की जेब से real में सिर्फ 1.5 lakh करोड़ रुपये खर्च होंगे।
GDP के एक फीसदी से भी कम
PM Modi ने कहा था कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत GDP के करीब 10 फीसदी के बराबर का राहत पैकेज दिया जाएगा, लेकिन एक report के मुताबिक इस पूरे पैकेज पर सरकार के खजाने से करीब 1.5 lakh करोड़ रुपये खर्च होंगे जो GDP का महज 0.75 फीसदी है।
ब्रिटिश ब्रोकरेज फर्म Barklage की एक research report में यह जानकारी दी गई है। बाकी पैसा असल में कई स्रोत से आ रहा है। RBI ने अपने नकदी बढ़ाने के उपाय के तहत करीब 8.1 lakh करोड़ रुपये के उपायों की घोषणा की है। इसके अलावा अन्य पैकेज का हिस्सा सरकार की credit gurrenty, भंडार से दिए जाने वाले अनाज या अन्य गैर मौद्रिक उपायों के रूप में हैं।
क्या कहा गया report में
बार्कलेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सरकार का कुल वित्तीय सपोर्ट करीब 21 लाख करोड़ रुपये का है। इसमें करीब 8 लाख करोड़ रुपये का रिजर्व बैंक का सपोर्ट शामिल है। हमारा अनुमान है कि सरकार के बजट पर इसका असर महज 1.5 लाख करोड़ रुपये का होगा जो कि जीडीपी का 0.75 फीसदी है।
पीएम ने किया था ऐलान
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। जिसके बाद पांच दिनों में 13 से 17 मई तक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज को अंतिम रूप दिया। उन्होंने बताया कि ये पैकेज आर्थिक रिफॉर्म के लिए है, और इससे देश की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ेगी।सरकार की ओर से नए-पुराने ऐलान को मिलाकर कुल 20,97,053 करोड़ रुपये का ब्योरा दिया गया है।