अब भारतीय श्रद्धालु करतारपुर साहिब तक वीजा मुक्त यात्रा कर सकेंगे

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अमृतसर। करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत एवं पाकिस्तान के बीच तीसरी बैठक हुई, जिसमें कई अहम मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी। बैठक में फैसला किया गया कि भारतीय श्रद्धालु बिना वीजा के पूरे साल करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकेंगे।
दो मुद्दों को छोडक़र सभी मुद्दों पर सहमत
बुधवार को हुई इस बैठक दौरान दो मुद्दों को छोडक़र सभी मुद्दों पर सहमत हो गए हैं। श्रद्धालुओं की यात्रा फ्री हो या उस पर खर्च आए, इस पर अभी विचार किया जाएगा। श्रद्धालुओं के सुबह 9.00 से रात 9.00 बजे तक होने वाली ननकाना साहब यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर श्रद्धालुओं के साथ आने वाले अधिकारियों को आने दिया जाए या नहीं इस पर सवालिया निशान लगाते हुए पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ तीसरे दौर की वार्ता वाघा अटारी सीमा पर संपन्न हुई।
बैठक में फैसला किया गया कि भारतीय सिख श्रद्धालु बिना वीजा के पूरे साल करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकेंगे। न केवल सिख श्रद्धालु बल्कि अन्य लोग भी करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकेंगे। प्रतिदिन 5000 श्रद्धालु करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकेंगे।
रावी नदी पर पुल बनाने को लेकर भी चर्चा हुई
बुधवार को बैठक में रावी नदी पर पुल बनाने को लेकर भी चर्चा हुई और इस पर सहमति भी बन गई। श्रद्धालुओं में बंटने वाले प्रसाद और लंगर के लिए भी जरूरी इंतजाम करने पर सहमति बन गई है। दोनों देश यात्रियों को सुरक्षित और सौहार्द्रपूर्ण माहौल मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बैठक में आपातकालीन स्थितियों पर भी बातचीत हुई। अगर किसी तरह की इमरजेंसी पड़ती है तो दोनों देश सहयोग करते हुए उचित व्यवस्था करेंगे। विशेषकर मेडिकल इमरजेंसी की हालत में। इसके लिए बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच सीधी बातचीत होगी, उसके बाद समस्या का समाधान निकाला जाएगा।
अधिकारियों ने मीडिया से पूरी तरह से दूरी बनाए रखी
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने से पैदा हुए तनाव के बाद 30 अगस्त को डेरा बाबा नानक की जीरो लाइन पर दोनों देशों के बीच पहली मीटिंग थी। हालांकि क्रमवार देखें तो वो पांचवीं बैठक थी, जिसमें दोनों देशों की टीमों के 15-15 सदस्य शामिल थे। भारत की तरफ से राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय, भूतल परिवहन एवं पत्तन प्राधिकरण, नहरी विभाग के अलावा बीएसएफ के अधिकारी शामिल हुए। बैठक के बाद अधिकारियों ने मीडिया से पूरी तरह से दूरी बनाए रखी। बैठक में कॉरिडोर के उद्घाटन की तारीख तय करने के अलावा विभिन्न तकनीकी मुद्दों पर चर्चा की गई थी।
इसके अलावा माना जा रहा है कि मीटिंग में पाकिस्तान द्वारा जीरो लाइन तक तैयार किए जाने वाले करीब 300 मीटर लंबे पुल के बजाय अस्थाई सडक़ तैयार किए जाने, दोनों देशों द्वारा तैयार की गई सडक़ों, पुल और श्रद्धालुओं की संख्या के बारे में चर्चा की गई। भारत अपनी तरफ से पुल का निर्माण कर रहा है, जो निर्धारित समय से पहले तैयार हो जाएगा।

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