एनआरसी की अंतिम सूची शनिवार को आएगी , 14 जिले संवेदनशील

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गुवाहाटी। असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची 31 अगस्त को प्रकाशित होने जा रही है। राज्य का माहौल इसको लेकर बेहद गरम है। इसे लेकर काफी लोगों में भय, आशंका व संसय बना हुआ है। लोग यह सोचकर परेशान हैं कि उनका नाम सूची में शामिल होगा या नहीं। कारण काफी संख्या में लोगों को रि-वेरिफिकेशन के लिए एनआरसी सेवा केंद्रों (एनएसके) पर बुलाया गया था।

किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी पूरी
राज्य के पुलिस कमिश्नर कुलधर सैकिया ने मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कहा है कि एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन के दौरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी तरह की आवश्यक तैयारियां की गई हैं। पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों को संभावित इलाकों में तैनात किया गया है। सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को भी सभी तरह के आवश्यक सुरक्षा के इंतजाम करने के निर्देश जारी किए गए हैं। सभी एनएसके केंद्रों के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य की जनता कानूनी प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन करेगी। पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होगी। उन्होंने लोगों से किसी भी तरह की अफवाह न फैलाने व उस पर ध्यान न देने का आह्वान किया है।

सूची में नाम नहीं तो मिलेगा अपील का समय
ज्ञातव्य है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहले ही साफ कर दिया है कि अगर किसी का नाम एनआरसी की सूची में नहीं आएगा तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह विदेशी है। सभी को 60 से 120 दिन का समय पुनः अपील करने के लिए मिलेगा। इसलिए किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है।

40 लाख लोगों के भाग्य का होगा फैसला
एनआरसी की पहली मसौदा सूची गत 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित हुई थी, जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.9 करोड़ लोगों का नाम शामिल किया गया था। जून 2019 में प्रकाशित दूसरी मसौदा सूची में एक लाख से अधिक लोगों का नाम हटा दिया गया था। देखना यह है कि जिन लगभग 40 लाख लोगों का नाम पहली मसौदा सूची से बाहर किया गया था, उसमें कितनों का नाम अंतिम सूची में शामिल होता है।

राज्य के 14 जिले संवेदनशील
पुलिस सूत्रों ने बताया है कि एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन के मद्देनजर राज्य के 14 जिलों को संवेदनशील घोषित किया गया है। पुलिस की एक टीम सोशल मीडिया पर भी बारीकी से नजर रखे हुए है ताकि कोई अफवाह न फैला सके। सूत्रों ने बताया है कि दूसरे राज्यों से भी सुरक्षा बलों की अतिरिक्त कंपनियों को असम में भेजा गया है। एनआरसी की अंतिम सूची जारी होने के बाद लगभग दो सप्ताह तक सुरक्षा व्यवस्था को बेहद चुस्त रखने की तैयारी की गई है।

संगठनों का ये है आरोप
सत्ताधारी पार्टी भाजपा के साथ ही कुछ अन्य संगठन निर्विवाद एनआरसी के तैयार होने पर सशंकित हैं। उनका मानना है कि गलत दस्तावेजों के बल पर बड़ी संख्या में विदेशियों का नाम शामिल हो गया है। इससे इतनी बड़ी जद्दोजहद के बाद भी एनआरसी का मूल उद्देश्य कहीं न कहीं प्रभावित होता दिख रहा है। कई संगठन यह भी आरोप लगा रहे हैं कि सत्ताधारी पार्टी जानबूझकर इसमें अड़ंगा डाल रही है। कांग्रेस पार्टी भी इस बात पर जोर दे रही है कि किसी भी कीमत पर एक शुद्ध एनआरसी तैयार होनी चाहिए, जिसमें एक भी भारतीय का नाम न छूटे तथा एक भी विदेशी का नाम शामिल न हो। एनआरसी के प्रकाशन में महज 24 घंटे का समय शेष है।

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