इंदौर। मध्यप्रदेश के बहुचचित हनीट्रैप मामले में जहां पुलिस जांच करते हुए कड़ियाँ जोडक़र खुलासे कर रही है, वहीं रविवार को इस मामले में रिमांड पर चल रही आरती, मोनिका और उनके ड्राइवर का रिमांड खत्म होने के बाद तीनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से ड्राइवर को 4 अक्टूबर तक जेल भेज दिया गया, जबकि आरती व मोनिका का एक बार फिर से रिमांड मांगा गया, जिसे कोर्ट ने स्वीकृत करते हुए 27 सितम्बर तक पुलिस रिमांड पर सौंपा है। कोर्ट में पेशी के दौरान आरती ने मीडिया से पहली बार बात की और कहा कि हमें पुलिस ने क्यों पकड़ा है। हरभजन को पकडऩा चाहिए था। मीडिया ने आरती से पूछा कि मामले में और कौन-कौन शामिल है? इस पर आरती ने चुप्पी साध ली।
आरती ने रोते-रोते कोर्ट से कहा, पूछताछ में बहुत प्रताडि़त कर रही पुलिस
बता दें कि हनीट्रैप मामले में पुलिस ने कुल पांच महिलाओं और एक ड्राइवर को गिरफ्तार किया था, जिनमें तीन को अदालत पहले ही जेल भेज चुकी है, जबकि आरती और मोनिका को 22 सितम्बर तक पुलिस रिमांड पर सौंपा गया था। रिमांड खत्म होने पर आरोपित आरती और मोनिका को लेकर पुलिस रविवार को करीब शाम 4 बजे कोर्ट लेकर पहुंची। यहां पुलिस ने जैसे ही कोर्ट के सामने दोनों महिला आरोपितों को सात दिन की रिमांड में रखने के लिए अपील की, वैसे ही आरती रोने लगी।
आरती ने रोते-रोते कोर्ट से कहा कि पुलिस हमें पूछताछ में बहुत प्रताडि़त कर रही है। रिमांड मत दीजिए। पुलिस ने कोर्ट से कहा कि इन्होंने कई बड़ी हस्तियों को ब्लैकमेल किया है इसलिए हमें छानबीन के लिए छतरपुर, राजगढ़ और भोपाल जाने के लिए रिमांड चाहिए। तब ही कोर्ट ने 27 सितंबर तक दोनों महिला आरोपितों को पुलिस रिमांड में रखने की अनुमति दी। वहीं आरोपित ड्राइवर ओमप्रकाश कोरी को रिमांड नहीं मिला और उसे जेल भेजा गया ।
आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धाराएं बढ़ाई
आरती दयाल और मोनिका यादव पर आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धाराएं और बढ़ा दी गई हैं। जानकारी मिली है कि आरती ने तीन आधार कार्ड बना रखे थे और मोनिका के भी 2 आधार कार्ड हैं । आरती और मोनिका के वकील ने रिमांड पर आपप्ति जताई थी। हालांकि कोर्ट ने 27 सितंबर तक रिमांड दे दिया है। इस दौरान कोर्ट के रिमांड अवधि बढ़ाने वाले ऑर्डर पर साइन करने से भी दोनों ने पहले इंकार कर दिया था।
मोनिका हुई बेहोश, आरती की तबीयत बिगड़ी
हनीट्रैप मामले में सबसे कम उम्र की आरोपित मोनिका यादव थाने में उस समय बेहोश हो गई, जब उसे कोर्ट लेकर पुलिस थाने पहुंची थी, वहीं आरती की भी तबीयत बिगड़ गई थी। वहां से पुलिसकर्मियों ने मोनिका को अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका उपचार किया गया। पुलिस जब रिमांड की अवधि बढऩे के बाद उन्हें कोर्ट से थाने ला रही थी तो रास्ते में भी दोनों खूब रो रही थीं। थाने पहुंचते ही मोनिका यादव बेहोश हो गई। उसके बाद पुलिसकर्मियों ने आनन-फानन में मोनिका को अस्पताल पहुंचाया, जहां रात तक इलाज चल रहा था।
आरती ने ही सब कुछ किया
मोनिका और आरती को लेकर पुलिस शनिवार को देर रात उन दोनों होटलों में भी गई थी जहां इन लोगों ने इंजीनियर का वीडियो बनाया था। हालांकि पुलिस के सामने बीएससी की छात्रा मोनिका यादव बोलती रही है कि इस मामले के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है। आरती दयाल ने ही सबकुछ किया है। आरती से उसकी दोस्ती फेसबुक के जरिए हुई थी। नौकरी के नाम पर आरती ने उसके साथ छल किया है।
छात्रा के अनुसार आरती मैडम से मेरी दोस्ती 6 महीने पहले फेसबुक पर हुई थी। उनकी प्रोफाइल देखने के बाद मैं उनसे जुड़ गई, क्योंकि मैं भोपाल के एक होस्टल में रहकर पढ़ाई करती हूं। गरीब परिवार से हूं और पिता नरसिंहगढ़ में किसान हैं। मुझे नौकरी की जरूरत थी। इसलिए मैंने आरती मैडम से मदद मांगी।
मैडम ने मुझे भोपाल के एक होटल में निगम इंजीनियर हरभजन सिंह से मिलवाया। फिर इंजीनियर दो-तीन बार और भोपाल आए। वहां मुझसे होटल में मिले। पहले मेरे साथ आरती मैडम कमरे में रहती थी और इंजीनियर के आते ही चली जाती थी। वैसे इंजीनियर से वे इसके बदले में क्या डिमांड करती थी, ये वे ही जाने, लेकिन इंजीनियर ने एक बार मुझे आठ हजार रुपए दिए थे। मैं अफसर बनने का सपना लेकर भोपाल आई थी, पर आरती से दोस्ती में सब बर्बाद हो गया।
उससे दोस्ती कर गलती कर दी। वह लोगों पर काफी रौब बताती थी, जिससे मैं प्रभावित हो गई। वह खुद को सरकारी कॉन्ट्रैक्टर बताकर बड़े लोगों से मिलती। मुझे पहली बार भोपाल की होटल में इंजीनियर से मिलवाया, तो वह बाहर चली गई थी। हमारा वीडियो कब बना लिया, मुझे भी पता नहीं चला। मैंने आज तक वीडियो नहीं देखा है, पुलिस से इसका पता चलने पर मैं भी चौंक गई।
दो-तीन बार हम इंदौर की होटल में भी मिले हैं। चार दिन पहले आरती मैडम मिली तो बोली कि इंदौर चलो, तुम्हारी पक्की नौकरी लगने वाली है। मैंने घरवालों को बोल दिया कि पांच दिन बाद नौकरी की मिठाई लेकर लौटूंगी, लेकिन यहां आते ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरती 50 लाख रुपए लेने के लिए मुझे इंदौर लाई थी।
साइन को लेकर पुलिस ने फटकारा
आरती दयाल पूछताछ के दौरान पुलिस के सामने झल्लाई भी। वहीं, कोर्ट में आरती और मोनिका रिमांड पेपर पर साइन भी नहीं कर रही थीं। लेकिन पुलिस ने जब फटकार लगाई तो दोनों ने रिमांड पेपर पर साइन किया। पुलिस को उम्मीद है कि पांच दिनों की रिमांड अवधि पर दोनों और भी कई राज उगलेंगी ।
हरभजन सिंह को सस्पेंड करने के लिए महापौर ने मंत्री से की चर्चा
हनीट्रैप में फंसे नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह को सस्पेंड करने के लिए इंदौर महापौर मालिनी गौड़ ने रविवार को नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह से फोन पर चर्चा की है। महापौर ने कहा कि हमारे यहां अनैतिक काम को समाज कभी भी स्वीकार नहीं करता है। नगर निगम के इंजीनियर ने कृत्य किया है वो एक बहुत ही दुखद घटना है, शर्मनाक घटना है। मैंने मंत्री जयवर्धन सिंह से चर्चा की है और उन्हेें सस्पेंड करने के लिए कहा है। इस तरह से पूरे नगर निगम की छवि धूमिल कर रहा है। मंत्रीजी अब इस मामले में विचार करेंगे कि आगे क्या करना है।
उधर, निगम इंजीनियर हरभजन सिंह ने पुलिस को जानकारी दी है कि आरती और मोनिका ने ब्लैकमेल करते समय तीन करोड़ रुपये मांगे, तब मैंने कहा कि सरकारी नौकर हूं, इतने रुपये कहां से लाऊंगा। इस पर उन्होंने कहा कि चलो दो करोड़ रुपये दे दो और तुम्हारा केस खत्म कर देते हैं। हरभजन सिंह ने यह भी बताया है कि युवतियों ने पहले मुझसे मदद मांगी और जब मैंने मदद कर दी तो इनकी लालसा बढ़ गई।
कई नेताओं और अफसरों से थे संबंध
इन महिलाओं ने पूछताछ में कई नेताओं-अधिकारियों से सम्बंध होने की बात कबूली है और उन्होंने इन नेताओं-अधिकारियों से मोटी रकम वसूली है। इनमें आईएएस-आईपीएस, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद शामिल हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने सरकारी विभागों में भी पैठ बनाकर अपने संस्थानों को करोड़ों का अनुदान दिलाया है।
5 हार्ड डिस्क में इनके नाम
गिरफ्तार की गई युवतियों के पास से पांच हार्ड डिस्क बरामद हुई हैं, इनमें पूर्व और मौजूदा राज्य सरकार के कई नेताओं मंत्रियों के नाम हैं> इसके साथ ही उनके पास से जो मोबाइल बरामद किए गए वह अश्लील वीडियोज से भरे हुए हैं। ये वीडियोज बड़े नेताओं और अफसरों से संबंधित हैं।
हार्ड डिस्क में पूर्व राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री, 2 मौजूदा मंत्री, तीन पूर्व मंत्री, एक पूर्व सांसद, एक राजनैतिक पार्टी संगठन के बड़े नेताओं के नाम हैं. इनके साथ 5 आईएएस अधिकारी, डीजी रैंक के एक आईपीएस अधिकारी, एडीजी रैंक के 2 अधिकारी, एडिशनल एसपी रैंक के 2 अधिकारी, 3 सीएसपी रैंक के अधिकारी, 10 बड़े बिल्डर और कारोबारी, एक मौजूदा मंत्री के ओएसडी, एक विधायक, सागर के एक नेता, इंदौर के एक नेता के साथ मौजूदा सरकार और पूर्व सरकार के कई नेताओं के नाम हैं।
श्वेता जैन है मास्टरमाइंड
पुलिस के अनुसार हनीट्रैप की मास्टरमाइंड मूलत: सागर की रहने वाली श्वेता जैन है। उसे जिस अधिकारी को ट्रैप में फंसाना होता था, आरती से उसकी मुलाकात करवाती थी। श्वेता शादी के पहले से ही विवादों में रही है।