लखनऊ। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएमआरसी ) राजधानी में मेट्रो को विस्तार देने के लिए प्रयास कर रहा है। उद्देश्य है कि आने वाले समय में मेट्रो राजधानी के हर कोने तक पहुंचे और सड़कों पर चल रहे ट्रैफिक को नियंत्रित करे। इसी क्रम में नार्थ साउथ कॉरिडोर के बाद ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करके कैबिनेट अप्रूवल के लिए भेजा गया है।
वहीं, इसके राजधानी में पांच कारिडोर और चयनित किए गए है। यह पांचों रूट भविष्य में मेट्रोकी कनेक्टिविटी बढाने के साथ ही राजधानी की बढ रही लाखों आबादी के लिए लाइफ लाइन का काम करेगी। अनुमान के मुताबिक आने वाले दस सालों में प्रतिदिन पांच से सात लाख लोग मेट्रोमें सफर करेंगे। मेट्रोबंद होने से जीवन अस्त व्यस्त हो जाएगा।
यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव कहते हैं कि लखनऊ में मेट्रोकी कनेक्टिविटी भविष्य में बढाने की योजना है, लेकिन इसे आगे बढाने का काम राज्य व केंद्र सरकार ही कर सकती है। उन्होंने बताया कि यूपी में लखनऊ की आबादी आने वाले समय पांच सालों में 45 लाख से अधिक हो जाएगी। उस दौरान मेट्रोके अगर दो कॉरिडोर तैयार हो जाए तो सड़कपर चलने वाले लाखों लोगों को मेट्रो का सुकून भरा सफर करने का मौका मिलेगा। यही नहीं सड़क पर ट्रैफिक, प्रदूषण और दुर्घटनओं पर अंकुश लगेगा। उन्होंने बताया कि राजधानी में मेट्रोका विस्तार जरूरी है, इसे फेस टू फेस विस्तार देना चाहिए।
हालांकि वह कहते हैं कि वर्तमान में कानपुर में मेट्रो प्रोजेक्ट पूरा करने का मेट्रोकाम कर रही है, लेकिन अगर प्रदेश सरकार लखनऊ में फिजिबिलिटी रिपोर्ट के आधार पर छह रूटों का डीपीआर रिपोर्ट तैयार करने को कहती है तो उसका पालन करते हुए डीपीआर तैयार किया जाएगा।