लखनऊ । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री की भाषा के कारण सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में लोगों की जानें गई हैं। उनकी बदला लो और ठोको नीति के परिणाम स्वरूप प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट हुई है।
गुरुवार को विभिन्न पार्टियों के नेताओं को समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस ने गाड़ियां तोड़ी है और घरों में लूटपाट की है। जिनकी मौतें हुई है उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी जा रही हैं। एफआईआर नहीं लिखी जा रही है। मृतकों के परिवारीजनों से विपक्षी नेताओं को मिलने भी नहीं दिया जा रहा है। लोकतंत्र में असहमति का अधिकार है। जिसके साथ अन्याय होगा, समाजवादी पार्टी उसके साथ खड़ी होगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस अत्याचार बढ़ा है। पुलिस की गोली से मृत लोगों के आश्रितों को भाजपा सरकार मुआवजा दें। लोगों की सम्पत्ति को जो नुकसान पुलिस ने पहुंचाया है, उसकी भी भरपाई सरकार करे। सन् 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर 2007 में गोरखपुर के दंगे के नुकसान की भी भरपाई कराई जायेगी। उन्होंने कहा कि मनमानी करना भाजपा का तरीका है। नफरत और अन्याय बढ़ाना तथा भारत की एकता के विरूद्ध काम करना आरएसएस का एजेण्डा है। भारत के नागरिकों के अधिकारों का भाजपा राज में क्या होगा। भाजपा हिन्दू-मुस्लिम एकता से डरी हुई है। सीएए, एनआरसी, एनपीआर के प्राविधान संविधान के विरूद्ध है। ये कानून आम जनता को परेशान करने और मुस्लिमों को डराने के लिए लाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि 2022 में समाजवादी पार्टी कोई गठबंधन नहीं करेगी। भविष्य में जनता से गठबंधन रहेगा। जो भी दल उनको समर्थन देना चाहते है, वे दे सकते है।
ये बने समाजवादी पार्टी के सदस्य उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश महासचिव रमेश चंद्र निषाद, उत्तर प्रदेश तैलिक महासंघ के विनोद कुमार राठौर, मनोज कुमार राठौर, राजेन्द्र राठौर, श्रवण राठौर, मनोज राठौर, सतीश राठौर, रामदत्त राठौर, नन्हके राठौर, विष्णु राठौर, रामकृष्ण राठौर, श्रीपाल वर्मा, विश्वनाथ पाल, मनीष शर्मा, अकबर अली, अमित राठौर, पंकज राठौर, विशाल निषाद और निषाद पार्टी के बलिया के ज्ञानेश्वर कश्यप ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।