नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में चुनाव जीतने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया है।
भजपा का दावा है कि यूपी ने उनकी लहर है।
ऐसे में अगर भाजपा यह चुनाव जीतती है तो देश का अगला राष्ट्रपति भी भाजपा से ही बन सकता है।
यह एक लोगों के मन में सवाल उमड़ घुमड़ रहा है।
क्योकि विधान सभा चुनाव के बाद जुलाई माह में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं।
कई भाजपा नेताओं के सामने आ रहे नाम
बता दें कि राष्ट्रपति के उम्मीदवारों में जिन नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं उनमें भाजपा के कई नेता शामिल हैं।
इन नामों में लोक सभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, मुरली मनोहर जोशी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, पार्टी के दलित चेहरे और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत और शिक्षाविद नरेंद्र जाधव जैसे नाम के अलावा अरुण जेटली और यूपी के एक कद्दावर ब्राह्मण नेता तक शामिल हैं।
ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि राष्ट्रपति भाजपा का ही हो सकता है।
राष्ट्रपति बनाने के लिए इतने चाहिए वोट
राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए 5.49 लाख वोट चाहिए।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए इस समय भाजपा के पास करीब 3.80 लाख वोट हैं।
जबकि भाजपा को इस आंकड़े तक पहुंचने के लिए अभी भी 1.7 लाख वोट चाहिए।
अगर केंद्र और राज्यों के गठबंधन सहयोगियों को मिला लें तो यह अंतर करीब 70,000 वोटों का है।
उत्तर प्रदेश चुनाव ऐसे में इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्य में 403 विधानसभा सीटें हैं जिनकी कुल 83,824 वोटों की संख्या है।
जमीन पर उतार दिए सभी कैबिनेट मंत्री
यूपी फतह करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने अपने सभी कैबिनेट मंत्रियों को जमीन पर उतार दिया है।
ताकि राज्य में अधिक से अधिक सीटें जीती जा साके और राष्ट्रपति चुनाव के लिए 70,000 वोट की इस कमी को पूरा किया जा सके।
उत्तर प्रदेश में 150 सीटों का मतलब यह है कि भाजपा को राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में 31,200 वोट मिल जाएंगे।
जबकि 100 सीटें जीतने पर उसे 20,800 वोट मिलेंगे।
इनसे भी कर सकते हैं संपर्क
मोदी सरकार के रणनीतिकार अन्नाद्रमुक जैसे संभावित सहयोगियों से बाकी वोट पाने के लिए संपर्क साध सकते हैं।
अन्नाद्रमुक के संसद में 50 सदस्य (लोक सभा में 37 और राज्य सभा में 13) हैं जिनके मतों का कुल मूल्य 35,400 है।
इसके अलावा तमिलनाडु विधानसभा में पार्टी के 135 विधायक हैं।
जिनके वोट की कीमत निर्वाचक मंडल में 23,760 है।
सुनील रावत की कलम से…
उत्तरप्रदेश में चुनाव जीतने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरी ताकत लगा दी है और अगर बीजेपी यूपी चुनाव जीती तो देश का अगला राष्ट्रपति भी बीजेपी से ही बन सकता है। इसके पीछे की कहानी बताने से पहले बता दें कि जुलाई में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। राष्ट्रपति के उम्मीदवारों में जिन नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं उनमे बीजेपी के कई नेता शामिल हैं। इन नामों में मुरली मनोहर जोशी, लोक सभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, पार्टी के दलित चेहरे और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत और शिक्षाविद नरेंद्र जाधव जैसे नाम शामिल हैं।
राष्ट्रपति बनाने के लिए कितने वोट
राष्ट्रपति चुनाव के लिए इस वक़्त बीजेपी के पास करीब 3.80 लाख वोट हैं जबकि राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए 5.49 लाख वोट चाहिए जबकि बीजेपी को इस आंकड़े तक पहुँचने के लिए अभी भी 1.7 लाख वोट चाहिए। केंद्र और राज्यों के गठबंधन सहयोगियों को मिला लें तो यह अंतर करीब 70,000 वोटों का रह जाता है। यूपी चुनाव ऐसे में इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्य में 403 विधानसभा सीटें हैं जिनकी कुल वोट संख्या 83,824 है।
मोदी सरकार ने यूपी में अपने सारे कैबिनेट मंत्रियो को उतार दिया है ताकि राज्य में अधिक से अधिक सीटें जीती जा साके और राष्ट्रपति चुनाव के लिए 70,000 वोट की इस कमी को पूरा किया जा सके। उत्तर प्रदेश में 150 सीटों का मतलब यह है कि भाजपा को राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में 31,200 वोट मिल जाएंगे जबकि 100 सीटें जीतने पर उसे 20,800 वोट मिलेंगे।
बाकी वोट पाने के लिए मोदी सरकार के रणनीतिकार अन्नाद्रमुक जैसे संभावित सहयोगियों से संपर्क साध सकते हैं। अन्नाद्रमुक के संसद में 50 सदस्य (लोक सभा में 37 और राज्य सभा में 13) हैं जिनके मतों का कुल मूल्य 35,400 है। इसके अलावा तमिलनाडु विधानसभा में पार्टी के 135 विधायक हैं जिनके वोट की कीमत निर्वाचक मंडल में 23,760 है।