नई दिल्ली : कर्नाटक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है।चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि स्पीकर को खुली छूट है कि वह नियमों के हिसाब से फैसला करें। फिर चाहे वो इस्तीफे पर हो या फिर अयोग्यता पर हो। इस लिहाज से गुरुवार को होने वाला फ्लोर टेस्ट होकर रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि बागी विधायकों पर विधानसभा में जाने को लेकर कोई दबाव नहीं है।
इससे पहले मंगलवार को चीफ जस्टिस (सीजेआई) रंजन गोगोई ने इस मामले में सभी पक्षों की ओर से जोरदार दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इस दौरान कुमारस्वामी और विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों की याचिका पर विचार करने के न्यायालय के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाया। वहीं, बागी विधायकों ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार बहुमत खो चुकी गठबंधन सरकार को सहारा देने की कोशिश कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब नज़रें विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार पर हैं। अगर विधानसभा अध्यक्ष इन बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लेते हैं तो उनकी सरकार उससे पहले ही गिर सकती है।
बता दें कि बागी विधायकों की मांग थी कि सुप्रीम कोर्ट स्पीकर को उनके इस्तीफों को स्वीकार करने का निर्देश दे जबकि स्पीकर ने कोर्ट से यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश को वापस लेने की मांग की थी।