सुषमा स्वराज की सहभागिता काफी महत्त्वपूर्ण रही है
नागपुर। राष्ट्र सेविका समिती की पूर्व संचालिका प्रमिलाताई मेढे के लिए सुषमा स्वराज का निधन अत्यंत दुखद एवं अकल्पनीय है रहा। प्रमिलाताई ने सोमवार को सुषमा से फोन पर अनुच्छेद 370 खारिज करने को लेकर राज्यसभा में पारित हुए बिल पर चर्चा की थी। प्रमिलाताई ने बताया कि इस चर्चा के बाद दूसरे दिन सुषमा स्वराज के निधन की खबर मिलना एक अकल्पनीय आघात है। उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज के निधन से राष्ट्र सेविका समिती ने अपनी होनहार सुपुत्री को हमेशा के लिए खो दिया है।
राष्ट्र सेविका समिती की बहनों से हमेशा संपर्क में रहने वाली सुषमा स्वराज की यादें साझा करती हुई प्रमिलाताई ने बताया कि, भाजपा की स्थापना से लेकर 303 तक के जादुई आंकड़ा प्राप्त करने के सफर में जिन लोगों का योगदान रहा उनमें सुषमा स्वराज की सहभागिता काफी महत्त्वपूर्ण रही है । नागपुर स्थित देवी अहिल्या मंदिर में राष्ट्र सेविका समिती का मुख्यालय है और सुषमा जी इस अहिल्या मंदिर को अपना मायका मानती थीं । अपने जीवन काल में कई बार अहिल्या मंदिर आने वाली सुषमा जी यहाँ मायके मानकर एक बिटिया की तरह सब के साथ घुल-मिल जाती थीं।
प्रमिलाताई ने बताया कि सुषमा जी का मानती थीं कि युवतियों ने अपने पैरों पर खड़े रहकर परिवार और देश की बागडोर संभालनी चाहिए । इसके चलते ही विदेश मंत्री बनने के बाद सुषमा जी राष्ट्र सेविका समिती से जुड़ीं और हमेशा युवतियों को विदेश सेवा में जाने के लिए प्रेरित करती रहती थीं । उन्होंने बताया कि सक्रिय राजनीति से अलग होने के बाद भी सुषमा स्वराज पूर्ण कालीन कार्यकर्ता के तौर पर राष्ट्र सेविका समिती के माध्यम से समाज सेवा करना चाहती थीं ।