कानपुर/नई दिल्ली. धड़ाम-धड़ाम……और मच गई हर तरफ चीख-पुकार, सूरज की किरण निकलने से पहले लाशों के ढेर बिछ गए। लहूलुहान लोग कराह रहे थे। यह दृश्य था कानपुर देहात के पुखरायां रेलवे स्टेशन के पास का। यहां रविवार सुबह 3.05 पर इंदौर-पटना एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस भीषण रेल हादसे में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है। कानपुर देहात एडीएम प्रशासन ने यह जानकारी दी है।
रेल हादसे में घायलों का हालचाल लेने हैलट अस्पताल पहुंचे रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, पुखरायां हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। रेलवे राज्य सरकार के साथ मिलकर राहत पहुंचाने की कोशिश कर रही है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, डीजी हेल्थ सर्विसेज मौके पर पहुंच गए हैं। राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। हमारी कोशिश है कि पीड़ितों को जल्दी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।
रेलवे का वचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैा। हालांकि अभी हादसे के कारण का पता नहीं चल सका है। केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने घटना के उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उधर, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर जानकारी दी कि एनडीआरएफ की टीम पुखरायां भेजा गया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी डीजीपी को निजी तौर पर राहत और बचाव कार्य की निगरानी करने के निदेर्श दिए हैं। रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा दिल्ली से विमान से कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट पर पहुंच चुके हैं। इसके बाद यहां से सड़क मार्ग से घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।
इसी बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विशेष विमान से कानपुर एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से सीधे हैलेट अस्पताल में घायलों को देखने पहुंचे।
जानकारी के मुताबिक रविवार अल सुबह 3.05 मिनट पर अचानक 19321-इन्दौर से पटना जा इंदौर-पटना एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी के उतर गए। हादसा पुखरायां रेलवे स्टेशन के पास हुआ। दो स्लीपर कोच के डिब्बे धमाके के साथ रेल ट्रैक से 500 मीटर दूर खेत में जा गिरे। हादसे के समय ज्यादातर यात्री नींद में थे।
धड़धड़ाने लगे डिब्बे
– ‘‘सुबह करीब 3 बजे का वक्त था। ट्रेन पूरी रफ्तार पर थी। अचानक झटका लगा। हमारा कोच S4 चंद सेकंड के लिए धड़धड़ाता रहा। पीछे की तरफ की बोगियों के एकदूसरे पर चढ़ने की वजह से जर्क इतना तेज था कि हमारे कोच के अंदर नींद से जागे लोग समझ गए थे कि कोई हादसा हुआ है। वे ट्रेन की खिड़कियों या बर्थ पर लगी रेलिंग को कसकर पकड़ चुके थे। जब डिब्बा थम गया तो हम लोग हिम्मत करके बाहर आए। डिब्बा पटरी से 25 मीटर दूर खेत में आ चुका था। कई डिब्बे मलबे में बदल गए थे। चारों-तरफ चीख पुकार मच गई।’’
गार्ड ने बताया- क्यों पटरी से उतरे डिब्बे
– ‘‘अलसुबह के कारण अंधेरा था और उस पर कुहासा था। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। लोग मलबे में फंसे थे। ट्रेन की खिड़की, दरवाजे से हाथ निकालकर चिल्ला रहा थे। हमें ट्रेन का एक गार्ड मिला। उसने बताया कि किसी तकनीकी दिक्कत के चलते ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया। उस वजह से 14 डिब्बे पटरी से उतर गए। वहां लोगों को बचाने वाला कोई नहीं था। हमारे आगे के डिब्बे S3, S2 तो पूरी तरह मलबे में बदल गए थे। शायद ही उन डिब्बों में से कोई बचा हो।”
दूसरे डिब्बे में था परिवार, कोई जिंदा नहीं बचा, लाश उठाए दौड़े लोग
– ‘‘वहां मंजर ऐसा था कि कई लोगों के शव बिखरे पड़े थे। शवों के टुकड़े नजर आ रहे थे। महिलाएं चीख रही थीं। बच्चे रो रहे थे। हमारे कोच में एक शख्स ऐसे थे जो एसी में रिजर्वेशन नहीं मिलने की वजह से हमारे साथ स्लीपर में सफर कर रहे थे। लेकिन उनका पूरा परिवार एसी में ट्रेवल कर रहा था। उनके परिवार का कोई शख्स जिंदा नहीं बचा। कई लोग अपने परिवार के लोगों की लाश लेकर इधर-दौड़ रहे थे।’’
आधे घंटे में आए गांव वाले और एंबुलेंस
– ‘‘जहां हादसा हुआ, वहां से एक गांव करीब 1 किमी दूर था। ट्रैक से 500 मीटर की दूरी पर हाईवे था। आधे घंटे के अंदर एंबुलेंस और गांव के लोग आ गए और रेस्क्यू का काम शुरू हुआ।’’
उज्जैन से बैठी थी बच्ची, दो टुकड़ों में निकली लाश
– मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि स्लीपर के एक कोच में उज्जैन से एक बच्ची अपने परिवार के साथ बैठी थी। पूरे रास्ते वह हंसते-खेलते हुए आई। हादसे के बाद उसका लाश के दो टुकड़े हो गए। उसके माता-पिता का पता नहीं चल सका।
स्लीपर के डिब्बों सबसे ज्यादा नुकसान
– रेलवे के मुताबिक, सिटिंग/लगेज कम्पार्टमेंट, GS, GS, A1, B1/2/3, BE, S1, S2, S3, S5, S6 में ज्यादा नुकसान हुआ है।
– नॉर्दन सेंट्रल रेलवे के स्पोक्सपर्सन विजय कुमार ने बताया, “हादसा कानपुर से 100 किलोमीटर दूर पुखरायां के पास सुबर करीब 3 बजे हुआ है। हादसे की वजह अभी पता नहीं चल पाई है।”
किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि यह क्या हो गया। सबसे ज्यादा नुकसान एस-1, एस-2 और बी-3 कोच में हुआ है। उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून व्यवस्था) दलजीत सिंह चौधरी के मुताबिक हादसे में अब तक 96 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों की संख्या में इजाफा भी हो सकता है। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है।
मृतकों के परिवारों की मदद को आगे आईं सरकारें
मृतकों के परिवार और घायलों को केंद्र सरकार और यूपी सरकार के अलावा मध्यप्रदेश सरकार ने भी मुआवजा देने की घोषणा की है। कुल मिलाकर मृतकों के परिवार को अभी तक 12.5 लाख के मुआवज़े दिए जाने की बात कही गई है। रेल मंत्रालय ने दुर्घटना बीमा के अलावा मृतकों के परिजनों को 3.5 लाख रुपये का मुआवज़ा, वहीं गंभीर जख़्मी को 50-50 हज़ार का मुआवज़ा दिया जाएगा। इनके अलावा हल्की चोट वालों के लिए 25-25 हज़ार रुपये के मुआवज़े का ऐलान किया गया है।
पीएम मोदी ने मृतक के परिवार को 2 लाख रु और गंभीर रूप से घायलों को 50 हज़ार रु के मुआवज़े का ऐलान किया। यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मृतक के परिवार को 5 लाख, गंभीर रूप से घायलों को 50 हज़ार रुपये अौर मामूली रूप से घायलों को 25-25 हजार रुपए की मदद का ऐलान किया है। वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की अार्थिक मदद करने का ऐलान किया है।
हादसे की दो बड़ी आशंकाएं
कानपुर से 70 किलोमीचर दूर स्थित पुखरायां रेलवे स्टेशन के पास पटना-इंदौर एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने की दो बड़ी अाशंकाएं सामने अा रही हैं। हालांकि रेलवे प्रशासन अभी स्पष्ट तौर पर घटना के कारणों पर कुछ नहीं बोल रहा है। घटना के उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। हाईपावर जांच कमेटी गठित की गई है। जांच मुख्य संरक्षा आयुक्त करेंगे। मंडल तकनीकी प्रबन्धक नितिन खरे ने पटरी टूटने के कारण हादसे की आशंका जताई।
आशंका है कि ट्रेन अपनी रफ्तार से आ रही होगी और टूटी पटरी से गुजरते समय बोगियां झटके के साथ पटरी से उतर गईं और कुछ एक के ऊपर एक चढ़ गईं। वहीं दूसरी तरफ चश्मदीदों का कहना है कि झांसी स्टेशन निकलते ही ट्रेन में जोर का झटका लगा था। झटके के कारण नींद में सो रहे लोग अचानक अनहोनी की आशंका पर उठ गए थे। ट्रेन करीब एक मिनट के लिए रोकी गई और तकनीकी स्टाफ ने उतरकर जांच की इसके बाद ट्रेन को रवना कर दिया गया।
8.30 घंटे बाद भी कोच में फंसे हैं यात्री
घटना के साढ़े आठ घंटे बीत चुके हैं। राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी है। एस-1 और बी-3 बोगी को गैस कटर से काटकर कोच में फंसे यात्रियों को निकाला जा जा रहा है। अभी भी काफी यात्री इस बोगी में फंसे हैं। बोगी के साफ होने के बाद मरने वालों की संख्या में इजाफा भी हो सकता है। बचाव कार्य में जुटीं एनडीआरएफ की टीम का कहना है झटके के साथ बोगी पलट गई है इस वजह से उसे काटने में समय लग रहा है।
काम में पूरी सावधानी बरती जा रही है ताकि अंदर फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके। बोगी के अंदर अभी काफी लोगों के फंसे होने की अाशंका जाहिर की जा रही है।
मनोज सिन्हा बोलें-राहत कार्य में जुटी हैं टीमें
चकेरी एयरपोर्ट पर दिल्ली से विशेष विमान से आए रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने बताया कि हालात से निपटने के सारे संभव प्रयास किए गए हैं। एनजीअारएफ की टीमें रेलवे, प्रशासन, पुलिस और डॉक्टरों की टीमें मौके पर राहत कार्य के लिए डटी हैं। उन्होंने कहा कि मैं मौके पर इसीलिए जा रहा हूं कि घचनास्थल पर जिस चीज की जरूरत होगी उसकी तत्काल व्यवस्था कराई जाएगी। मरने वालों की अधिकारिक संख्या पर रेल राज्यमंत्री ने कहा कि मौके पर पहुंचे बिना संख्या का स्पष्ट कर पाना मुश्किल हैं। मौके पर पहुंचते ही पीएमओ को सूचित करूंगा।
हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुखी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टि्वटर के जरिए ट्रेन हादसे पर दुख जताते हुए शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना जताई है। उन्होंने ट्वीट किया कि मेरी प्राथनाएं भीषण रेल हादसे में घायल लोगों के साथ हैं। मैंने इस बारे में रेल मंत्री सुरेश प्रभु से बात की है, जो व्यक्तिगत रूप से इस मामले पर निगाह रखे हुए हैं।
14 डिब्बे क्षतिग्रस्त, काटी गईं बोगियां
ट्रेन अपनी रफ्तार में थी। यात्री नींद में थे। अचानक क्या हुआ कोई समझ नहीं पाया। भोर पहर के अंधेर में सुनाई दे राह था तो सिर्फ कारहते लोगों की आवाज। पुखरायां स्टेशन के पास हुए इस हादसे में लोगों की चीख पुकार सुनकर आस-पास के गांव वाले दौड़ पड़े। मौके पर पहुंचे लोग बदहवास स्थिति में थे। क्या करें किसी को समझ में नहीं आ रहा था। गांव वालों के मुताबिक पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी गई और बोगियों में फंसे लोगों को निकालने में लोग जुट गए। घटना के कुछ ही देर बाद भारी भरकम फोर्स मौके पर पहुंच गया।
सभी हताहतों को निकालने में जुट गए। हादसे में कुल 14 बोगियां क्षतिग्रस्त हो गईं। इसमें एसएलआर बोगी, जनरल के दो डिब्बे और एसी के ए-1 समेत चार डिब्बों के अलावा स्लीपर के एस-1, 2,3,4,5,6 शामिल हैं। दुर्घटनाग्रस्त बोगियों में फंसे लोगों को गैस कटर से काटकर निकाला जा रहा है। एस-1 बोगी में अभी भी काफी लोग फसे हैं।
बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी
घटना की सूचना मिलते ही रेलवे अधिकारियों की नींद उड़ गई। कानपुर सेंट्रल से तुरंत पुखरायां स्टेशन के लिए रिलीफ ट्रेन रवाना करने के साथ ही रेलवे के अधिकारी दौड़ पड़े। इसके अलावा पूरे जिले का पुलिस फोर्स मौके पर बुला लिया गया। हादसे में ट्रेन के कई डिब्बे एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए। डिब्बों को गैस कटर से अलग किया जा रहा है।
बुरी तरह क्षतिग्रस्त डिब्बों से सुबह तक फंसे लोगों की मदद के लिए गुहार और चीख पुकार सुनाई पड़ रही थी। हादसे के उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। रेलवे और स्थानीय प्रशासन के उच्च अधिकारी मौके पर डटे हुए हैं।
सेना ने संभाला मोर्चा
घटना की सूचना मिलते ही एनडीअारएफ की 5 टीमों को प्रधानमंत्री कार्यालय से अलर्ट कर दिया गया। तीन वारणसी अौर दो टीमें गाजियाबाद से राहत कार्य के लिए निकल चुकी हैं। लगभग सभी टीमें मौके पर पहुंच गई हैं। इससे पहले कानपुर के ब्रिगेडियर के नेतृत्व में सेना के जवान अपने लाव लश्कर के साथ मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में जुटे हैं। घायल यात्रियों की मदद के लिए वायसेना की मेडिकल विंग भी मौके पर डटी है। केंद्र अौर राज्य सरकारें यात्रियों की हर सुविधा को ध्यान में रखकर अपने-अपने स्तर पर राहत कार्य में जुटी हैं।
कानपुर का हैलट अलर्ट मोड में
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद डीजीपी जावीद अहमद ने कानपुर नगर और कानपुर देहात के अफसरों को हादसे में घायल लोगों की मदद के लिए युद्ध स्तर पर जुटने को कहा। सूचना मिलते ही कानपुर के डीएम ने हैलट अस्पताल और कानपुर देहात के डीएम घटना स्थल पर पहुंच गए। पूरे हैलट को अर्लट कर दिया गया।
डॉक्टरों के अलावा वहां का पूरा स्टाफ चौकन्ने हो गए। यात्रियों के समानों की हिफाजत के लिए एक बड़ा कमरा भी खाली करा लिया गया। सुबह 8.30 तब हैलट अस्पताल में 10 घायलों को भेजा जा चुका है। डॉक्टर उनकी मरहम-पट्टी में जुटे हैं। जिलाधिकारी खुद मॉनीटरिंग कर रहे हैं।
रेल रूट बाधित
हादसे की वजह से झांसी-कानपुर रेल खंड पर यातायात अवरूद्ध हो गया। मुंबई से लखनऊ जाने वाली पुष्पक एक्सप्रेस को मार्ग परिवर्तित कर निकाला गया। इसके अलावा कई दूसरी ट्रेनों को भी रूच बदलकर आगे निकाला गया। रेलवे ने इस हादसे से जुड़ी जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ।
हेल्पलाइन नंबर
इंदौर- 07411072
उज्जैन- 07342560906
रतलाम- 074121072
उरई- 051621072
पुखरायां- 0511 3270239
पटना- 0612-2202290
0612-2202291
0612-2202292
रेलवे-025-83288
मुगलसराय-05412-251258
हाजीपुर- 06224-272230