J-K: मंत्रालयों के बंटवारे पर अटकी बात, सरकार में बराबर हिस्सा चाहती है BJP

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नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने की खबरों के बीच एक बार फिर बीजेपी और पीडीपी में संकट उभर आया है. शनिवार को दोनों पार्टियों के नेता राज्यपाल एनएन वोहरा से मिलने नहीं जा रहे हैं.

बीजेपी सरकार में महत्वपूर्ण मंत्रालयों को चाहती है और मुफ्ती मोहम्मद सईद के वक्त मिले पोर्टफोलियो पर राजी नहीं है.
शनिवार को राज्यपाल से मुलाकात हुई थी तय
इससे पहले शुक्रवार को खबर थी की दोनों पार्टियों के नेता शनिवार को गर्वनर से एक साथ मिलकर राज्य में एक बार फिर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. पीडीपी विधायक दल की बैठक में महबूबा मुफ्ती को नेता चुना गया, और उनका मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हुआ. जबकि बीजेपी की तरफ से निर्मल सिंह को उपमुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया.
सईद सरकार के विभागों से अब खुश नहीं बीजेपी
जम्मू में पीडीपी और बीजेपी नेताओं के बीच ढाई घंटे तक चली बैठक में बीजेपी ने महत्वपूर्ण विभागों की मांग रखी. वे मुफ्ती मोहम्मद सईद सरकार में मिले विभागों पर एक बार फिर से राजी नहीं होना चाहते.
बीजेपी का दावा- पीडीपी से ज्यादा विधायक
बीजेपी का कहना है कि उसके पास 28 विधायक हैं, जिसमें सज्जाद लोन के दो और एक निर्दलीय विधायक पवन गुप्ता है, जबकि पीडीपी के पास सिर्फ 27 विधायक हैं. कम एमएलए होने के बाद भी बीजेपी पीडीपी को मुख्यमंत्री का पद दे रही है.
गृह राज्य मंत्रालय चाहती है बीजेपी
बीजेपी कैबिनेट में महत्वपूर्ण विभाग लेना चाहती है. अगर पीडीपी गृह, वित्त, ग्रामीण विकास, शिक्षा, राजस्व, सामान्य प्रशासन विभाग, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण और परिवहन मंत्रालय लेती है, तो बीजेपी को योजना, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य, पीएचई और सिंचाई, कृषि, राज्य मंत्री (गृह), बिजली और सहकारी विभाग चाहिए.
पीडीपी को बीजेपी का प्रस्ताव मंजूर नहीं
सूत्रों की मानें तो पीडीपी नेता योजना और गृह राज्य मंत्रालय नहीं देना चाहते. वे चाहते हैं कि जैसे मुफ्ती मोहम्मद सईद की सरकार में मंत्रालयों का आवंटन हुआ था, वैसा ही इस बार भी हो.
बीजेपी सरकार में सज्जाद लोन के लिए भी एक मंत्रालय चाहती है, जो कि उसके कोटा से ना हो, क्योंकि सज्जाद बीजेपी और पीडीपी दोनों को समर्थन दे रहे हैं.

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