लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश संजय मिश्र ने उत्तर प्रदेश के नए लोकायुक्त के रूप में शपथ ग्रहण कर ली और इसके साथ ही इस मुद्दे पर लगभग दो साल से राजभवन और राज्य सरकार के चल रही खींचतान समाप्त हो गई। राज्यपाल राम नाईक ने राजभवन में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में न्यायमूर्ति अवकाश प्राप्त संजय मिश्र को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
न्यायमूर्ति मिश्र एन के मेहरोत्रा की जगह लेंगे, जो वर्ष 2006 की 16 मार्च से लगभग 10 साल तक इस पद पर रहे। शपथ ग्रहण समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा लोकायुक्त चयन समिति दो अन्य सदस्य इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ तथा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के अलावा अखिलेश सरकार के कई मंत्री भी उपस्थित थे। समारोह में सपा से निष्कासित नेता अमर सिंह भी मौजूद थे। निवर्तमान लोकायुक्त मेहरोत्रा को वर्ष 2006 की 16 मार्च को तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार के दौरान छह साल के लिए लोकायुक्त बनाया गया था। मगर वर्ष 2012 में सत्तारूढ़ हुई अखिलेश यादव सरकार ने लोकायुक्त अधिनियम में संशोधन करते हुए उनका कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ा दिया था। लोकायुक्त के कार्यकाल को बढ़ाए जाने के निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी, मगर अदालत ने कार्यकाल बढ़ाए जाने को ‘विधानसभा का अधिकारÓ बताते हुए उसमें हस्तक्षेप से मना कर दिया था। लेकिन 2014 के जुलाई में दिए आदेश में सरकार को मेहरोत्रा के बढ़ाए गए कार्यकाल की समाप्ति से पहले ही नए लोकायुक्त के चयन का निर्देश दिया था।