
अप्रैल से अगस्त, 2015 के आंकड़ो के मुताबिक अभी भारत सबसे ज्यादा ईरान से कच्चे तेल का आयात कर रहा है। वहीं उसके बाद नंबर आता है सउदी अरब का। खबरों के मुताबिक सितंबर माह में सउदी अरब से भारत प्रतिदिन 6,40,300 बैरल कच्चे तेल का आयात करता है। एक बैरल में 159 लीटर कच्चा तेल आता है।
इतनी बड़ी मात्रा में कच्चे तेल का आयात करने में भारत को भी आने वाले समय में प्रतिदिन बढ़ी हुई कीमत के हिसाब से ही भुगतान करना पड़ेगा। इसका अप्रत्यक्ष असर भारत के लोगों पर ही पड़ेगा। थॉमसन रॉयटर्स ऑयल विश्लेषक के मुताबिक सउदी अरब से भारत ने कच्चे तेल का आयात 30 फीसदी तक घटाया है। फिर भी अभी दूसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का निर्यातक देश होने के चलते भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर फर्क पड़ सकता है।
सरकारी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, ये दोनों खाड़ी देश अपने यहां तेल पर सब्सिडी में कटौती करेंगे। सउदी अरब ने तेल के दामों में बढ़ोतरी का यह फैसला अपने पेट्रोलियम उत्पादों, बिजली और पानी में दी जा रही सब्सिडी में कटौती करने के बाद लिया है।