नई दिल्ली। दिल्ली में खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके प्रदूषण को कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक पहल की है। प्रदूषण पर बढ़ती चर्चा के बीच मोदी ने बिजली से चलने वाली बसें सांसदों को उपहार में दीं। इससे राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण से निपटने में मदद मिलेगी।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इसके बाद सांसद इन्हीं बसों से संसद तक आया-जाया करेंगे। इसमें वही लीथियम आयन बैट्री लगी हैं, जो इसरो सैटेलाइट प्रपल्शन में इस्तेमाल करता है। इसरो ने मंत्रालय के साथ मिलकर ऐसी पांच बैट्री बनाई हैं। एक की कीमत 5 लाख रुपए है। यदि इसी को आयात करें तो यह 55 लाख रुपय की पड़ती है।
गडकरी ने कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों ने मंत्रालय और अन्य इकाइयों के साथ सहयोग कर इस बैटरी का विकास किया है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया अभियान के अनुरूप है। ऐसे वाहनों को वाणिज्यिक रूप दिया जाएगा और पेंटेट पंजीकृत कराए जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पायलट परियोजनाओं के तहत शुरुआत में दिल्ली में ऐसी 15 बसें चलाने की योजना है। ऐसी बसों को अन्य शहरों की सड़कों पर भी उतारा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण एक मुद्दा है, जिससे सरकार काफी चिंतित है। मंत्रालय दिल्ली से संबंधित ऐसे सभी मुद्दों के दो साल के भीतर समाधान को लेकर प्रतिबद्ध है। गडकरी ने जोर देकर कहा कि इसके पीछे मकसद पूरे देश में प्रदूषण को कम करना है न कि केवल दिल्ली में। उन्होंने कहा कि हमारी डीजल पर चलने वाली 1.5 लाख बसों को इलेक्ट्रिक में बदलने की योजना है। नागपुर में बायो-सीएनजी बनाने वालों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इसके बाद सांसद इन्हीं बसों से संसद तक आया-जाया करेंगे। इसमें वही लीथियम आयन बैट्री लगी हैं, जो इसरो सैटेलाइट प्रपल्शन में इस्तेमाल करता है। इसरो ने मंत्रालय के साथ मिलकर ऐसी पांच बैट्री बनाई हैं। एक की कीमत 5 लाख रुपए है। यदि इसी को आयात करें तो यह 55 लाख रुपय की पड़ती है।
गडकरी ने कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों ने मंत्रालय और अन्य इकाइयों के साथ सहयोग कर इस बैटरी का विकास किया है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया अभियान के अनुरूप है। ऐसे वाहनों को वाणिज्यिक रूप दिया जाएगा और पेंटेट पंजीकृत कराए जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पायलट परियोजनाओं के तहत शुरुआत में दिल्ली में ऐसी 15 बसें चलाने की योजना है। ऐसी बसों को अन्य शहरों की सड़कों पर भी उतारा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण एक मुद्दा है, जिससे सरकार काफी चिंतित है। मंत्रालय दिल्ली से संबंधित ऐसे सभी मुद्दों के दो साल के भीतर समाधान को लेकर प्रतिबद्ध है। गडकरी ने जोर देकर कहा कि इसके पीछे मकसद पूरे देश में प्रदूषण को कम करना है न कि केवल दिल्ली में। उन्होंने कहा कि हमारी डीजल पर चलने वाली 1.5 लाख बसों को इलेक्ट्रिक में बदलने की योजना है। नागपुर में बायो-सीएनजी बनाने वालों को प्रोत्साहित किया जाएगा।