लखनऊ. पूर्व सांसद और हाईकोर्ट के वकील रहे राघवेंद्र सिंह को आज यूपी के एडवोकेट जनरल के पद पर नियुक्त किया गया है। यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने आज विजय बहादुर सिंह का इस्तीफा कुबूल करते हुए राघवेंद्र सिंह को यूपी के नया महाअधिवक्ता पद पर नियुक्त किया है।
गौरतलब है कि पूर्व महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह व दो अन्य महाधिवक्ताओं ने पिछले माग अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद से नये महाधिवक्ता के लिए भाजपा और आरएसएस से जुड़े वरिष्ठ वकीलों ने अपनी अपनी लामबंदी तेज कर दी थी।
महाधिवक्ता पद के लिए ढेरों वकील लाइन में थे जिनमें इलाहाबाद से राधाकांत ओझा महेश चतुर्वेदी और मनीष गोयल सहित लखनऊ से वरिष्ठ वकील शशि प्रकाश सिंह डॉ एलपी मिश्रा रमेश सिंह राघवेंद्र सिंह चर्चा में रहे।
ओझा मिश्रा और राघवेंद्र जहां बार असेासियेशन के अध्यक्ष रह चुके हैं। वहीं चतुर्वेदी बसपा सरकार में 5 साल मुख्य स्थायी अधिवक्ता रह चुके है तो रमेश सिंह राजनाथ सरकार में अपर महाधिवक्ता थे।
बता दें कि हाईकोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी से प्रेदश के एडवोकेट जनरल का नाम पूछा था। कोर्ट ने कहा था कि उसके सामने पॉलिसी मामलों में एडवोकेट जनरल की उपस्थिति जरूरी होती है। प्रदेश में नए सरकार के गठन के कई दिन बीत जाने के बाद भी एडवोकेट जनरल की नियुक्ति क्यों नहीं हुई? ऐसे में गुरुवार को राघवेंद्र सिंह को इस पद पर नियुक्त किया गया।
जस्टिस एपी साही और जस्टिस संजय हरकौली की बेंचने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 165 के तहत एडवोकेट जनरल की नियुक्ति का प्रावधान है। कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी से उक्त प्रावधान के तहत विचार कर आगामी 20 अप्रैल तक सूचित करने का निर्देश दिया था।