मुंबई । लश्कर-ए-तैयबा का पाकिस्तानी-अमेरिकी सदस्य डेविड हेडली पहली बार आज मुंबई की एक अदालत के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गवाही देगा। उसे 26-11 के मुंबई आतंकी हमलों के मामले में सरकारी गवाह बनाया गया है। वह साजिश के बारे में नए खुलासे कर सकता है। अदालत में फिलहाल मुख्य साजिशकर्ता सैयद जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जंदल पर मुकदमा चल रहा है। विशेष सरकारी अभियोजक उज्ज्वल निकम ने कहा, ”भारतीय कानून के इतिहास में पहली बार कोई विदेशी आतंकवादी किसी भारतीय अदालत में पेश होगा और बयान देगा। निकम ने कहा कि 26-11 के हमले के पीछे के कई तथ्यों को सामने लाने के लिए हेडली की गवाही महत्वपूर्ण है। हालांकि उन्होंने ज्यादा जानकारी देने से मना कर दिया। हेडली कल और परसों सुबह सात से दोपहर 12:30 बजे के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में गवाही देगा। इस बीच मुंबई के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हेडली आपराधिक षड्यंत्र का व्यापक पहलू बता सकता है और हमलों में शामिल सभी लोगों की जानकारी दे सकता है। मुंबई आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 309 घायल हो गए थे। अधिकारी ने कहा, ”वह मामले में पाकिस्तान की भूमिका को भी उजागर कर सकता है। अदालत ने 10 दिसंबर, 2015 को हेडली को सरकारी गवाह बनाया था और उसे आठ फरवरी को अदालत के समक्ष गवाही देने का निर्देश दिया था। फिलहाल मुंबई हमलों में अपनी भूमिका को लेकर अमेरिका में 35 साल की कैद की सजा काट रहे हेडली ने विशेष न्यायाधीश जी ए सनप से कहा था कि अगर उसे माफ किया जाता है तो वह गवाही देने को तैयार है। न्यायाधीश सनप ने हेडली को कुछ शर्तों के आधार पर सरकारी गवाह बनाया था और उसे माफी दी थी।