लखनऊ। मोहनलालगंज का जलालपुर गांव स्वच्छता के मामले में मिसाल बन गया है। इसका श्रेय वहां की महिलाओं को जाता है। घर के काम-काज के साथ उन्होंने गांव के कूड़ा प्रबंधन की कमान थामी तो तस्वीर बदल गई। पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान से प्रेरणा पाकर ग्राम प्रधान ने महिलाओं का समूह तैयार किया।
इसमें ऐसी महिलाओं को शामिल किया गया जो घर से निकलकर समाज के लिए कुछ करना चाहती थी। इस स्वच्छता अभियान के चलते जलालपुर गांव चमकने लगा है। यहां सवेरे-सवेर महिलाएं कुछ पुरूषों के साथ टोली बनाकर और रिक्शा-ट्रॉली लेकर गांव की गालियों में सीटी बजाते हुए निकलती हैं। गांव के हर घर से कूड़ा इकट्ठा करती हैं।
अलग-अलग इकट्ठा होता है कूड़ा
कूड़ो की बात करें तो सूखे और गीले कूड़े को अलग-अलग रखा जाता है। ग्रामीणों को दो रंग की बाल्टी दी गयी है। एक लाल रंग की और एक हरे रंग की। लाल रंग की बाल्टी में सूखा कूड़ा तो वहीं हरे रंग की बाल्टी में गीला कूड़ा को रखा जाता है।
एक निजी संस्था जिसका नाम वाटर ऐड है उसकी मदद लेकर गीले कूड़े से जैविक खाद बनाने की तैयारी भी हो रही है। इसके साथ ही यह महिलाएं प्राप्त कूड़ों से कबाड़ छांट कर, उसे अलग से कबाड़ी वाले को लखनऊ शहर में आकर बेच देती हैं, जिसके चलते उनकी आमदनी भी हो जाती है।