नई दिल्ली। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गईं। निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ सीएनजी चलित शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया। दीक्षित की अंतिम यात्रा के समय दिल्ली में जोरदार बारिश हो रही थी। बावजूद इसके बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल हुए। दीक्षित का गत शनिवार शाम निधन हो गया था। वह 81 वर्ष की थीं और कुछ समय से बीमार चल रही थीं। उनके अंतिम संस्कार के वक्त निगम बोधघाट पर कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, प्रियंका गांधी, रॉबर्ट वाड्रा, कांग्रेस के तमाम आला नेता समेत दूसरे दलों के वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। इससे पहले दीक्षित का पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। जहां सोनिया और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अहमद पटेल और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा कमलनाथ समेत कई शीर्ष कांग्रेस नेताओं ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। इससे पहले भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दीक्षित के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया। सोनिया गांधी ने दीक्षित के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे निजी अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि शीला मेरी बड़ी बहन और दोस्त थीं। उन्होंने सदा मेरा समर्थन किया। उल्लेखनीय है कि दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित का शनिवार दोपहर दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉट्र्स हार्ट इंस्टीट्यूट (एफईएचआई) में निधन हो गया था। वह 81 वर्ष की थीं। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें जनवरी में कांग्रेस का दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। लोकसभा चुनाव में वह उत्तरी-पूर्वी दिल्ली सीट से भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी से हार गई थीं।