वेस्टइंडीज ने दूसरी बार जीता टी20 विश्व कप का खिताब

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कोलकाता : टी -20 विश्व कप के फाइनल मैच में वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड की टीम ने 20 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 155 रन बनाए। वेस्टइंडीज को ये मैच जीतने के लिए 156 रन बनाने थे। वेस्टइंडीज को अंतिम ओवर में 19 रन चाहिए थे और ब्रेथवेट ने हैरतअंगेज बल्लेबाजी करते हुए चार गेंदों पर लगातार चार छक्के जड़कर इंग्लैंड को दो गेंद शेष रहते 4 विकेट से मात दे दी। वेस्टइंडीज इसके साथ ही दो बार विश्व कप जीतने वाली पहली टीम बन गई है और सभी प्रारूपों को मिलाकर वे अब तक चार विश्व कप खिताब जीत चुके हैं (दो वनडे विश्व कप, दो टी20 विश्व कप)।

 कार्लोस ब्रेथवेट के आखिरी ओवर की पहली चार गेंदों पर लगाये गये चार छक्कों की बदौलत वेस्टइंडीज ने आज यहां इंग्लैंड के मुंह से जीत छीनी और रोमांचक फाइनल में चार विकेट से जीत दर्ज करके आईसीसी विश्व टी20 2016 का चैंपियन बना।
मर्लोन सैमुअल्स की नाबाद 85 रन के बावजूद मैच वेस्टइंडीज के हाथ से फिसलता जा रहा था। उसके आखिरी ओवर में 19 रन की दरकार थी। बेन स्टोक्स आखिरी ओवर करने के लिये आये। सामने ब्रेथवेट थे जिनका इससे पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय में उच्चतम स्कोर 13 रन था। ब्रेथवेट ने पहली गेंद पर बैकवर्ड स्क्वायर लेग, दूसरी गेंद पर लांग आन, तीसरी गेंद पर लांग आफ और चौथी गेंद पर डीप मिडविकेट पर छक्के जड़कर कैरेबियाई खिलाड़ियों, प्रशंसकों और ईडन गार्डन्स पर मौजूद दर्शकों को रोमांचित कर दिया।
वेस्टइंडीज ने 156 रन के लक्ष्य के सामन 19.4 ओवर में छह विकेट पर 161 रन बना डाले। इससे पहले गेंदबाजी में भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके 23 रन देकर तीन विकेट लेने वाले बे्रथवेट दस गेंदों पर 34 रन बनाकर नाबाद रहे। उन्होंने इंग्लैंड के जो रूट और डेविड विली के प्रयासों पर पानी फेर दिया। वेस्टइंडीज इससे पहले 2012 में चैंपियन बना था और वह विश्व टी20 में दो खिताब जीतने वाली पहली टीम बन गया है।
इंग्लैंड ने टॉस गंवाने के बाद तीन विकेट पर 23 रन से उबरकर रूट जौर जोस बटलर (22 गेंदों पर 36 रन) के बीच चौथे विकेट के लिये 61 रन की साझेदारी तथा विली की आखिरी ओवरों की 21 रन की तूफानी पारी से नौ विकेट पर 155 रन बनाये। वेस्टइंडीज के तीन विकेट तो 11 रन पर निकल गये थे।
सैमुअल्स ने जीवनदान मिलने के बाद अपने करियर के सर्वोच्च प्रदर्शन की बराबरी की। उन्होंने अपनी 66 गेंद की पारी में नौ चौके और दो छक्के लगाये और इस बीच डवेन ब्रावो (27 गेंदों पर 25 रन) के साथ चौथे विकेट के लिये 69 गेंदों पर 75 रन की साझेदारी की।
वेस्टइंडीज इस तरह से पहली टीम बन गयी है जिसने सबसे पहले दो बार 50 ओवरों का विश्व कप और अब विश्व टी20 जीता। इंग्लैंड का 2010 के प्रदर्शन को दोहराने का सपना अधूरा रह गया। वेस्टइंडीज की राह हालांकि आसान नहीं रही।
दोनों टीमों के सलामी बल्लेबाजों ने पवेलियन लौटने में देर नहीं लगायी लेकिन क्रिस गेल (चार) के आउट होने पर इंग्लैंड का जश्न देखने लायक था। गेल ने उनके खिलाफ पिछले मैच में शतक जड़ा था लेकिन रूट ने आज बल्लेबाजी के बाद अपनी आफ स्पिन से भी चौंकाया। रूट ने दूसरे छोर से गेंदबाजी का आगाज किया। पहली गेंद पर चार्ल्स ने हवा में लहराता कैच थमाया। तीसरी गेंद को गेल भी हवा में उछालकर लांग आफ पर कैच दे गये।
भारत के खिलाफ सेमीफाइनल में जीत के नायक लेंडल सिमन्स खाता भी नहीं खोल पाये और विली की गेंद पर पगबाधा आउट होकर पवेलियन लौटे। सैमुअल्स जब 27 रन पर थे तब उन्हें जीवनदान मिला। तभी लियाम प्लंकेट की आफ स्टंप से बाहर जाती गेंद उनके बल्ले को चूमकर विकेटकीपर बटलर के पास पहुंची जो उसे सही तरह से कैच नहीं कर पाये।
तीसरे अंपयर ने आखिर में कई रीप्ले देखने के बाद बताया कि गेंद दस्तानों तक पहुंचने से पहले जमीन छू चुकी थी। सैमुअल्स को मिला यह जीवनदान आखिर में महत्वपूर्ण साबित हुआ। ब्रावो को भी 11 रन पर जीवनदान मिला बढ़ते रन रेट के दबाव में उन्होंने कैच थमा दिया। वेस्टइंडीज को आखिरी छह ओवर में 70 रन चाहिए थे। लियाम प्लंकेट 15वां ओवर करने आये जिसमें 18 रन बने। इसमें सैमुअल्स के दो छक्के भी शामिल हैं।
जब टीम लय पकड़ रही थी तभी आंद्रे रसेल (एक) और कप्तान डेरेन सैमी (दो) दोनों ने विली के अगले ओवर में सीमा रेखा पर कैच दे दिये। सैमुअल्स ने आखिर तक एक छोर संभाले रखा लेकिन आखिर में ब्रेथवेट जीत के नायक बन गये। इंग्लैंड की तरफ से विली ने 20 रन देकर तीन और रूट ने एक ओवर में नौ रन देकर दो विकेट लिये।
इससे पहले वेस्टइंडीज के गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया था। ब्रेथवेट के अलावा ब्रावो ने 37 रन देकर तीन जबकि लेग स्पिनर सैमुअल बद्री ने शुरू में कहर बरपाकर 16 रन देकर दो विकेट हासिल किये।
इंग्लैंड के दोनों सलामी बल्लेबाज जैसन राय और एलेक्स हेल्स जल्दी पवेलियन लौट गये। पारी की पहली गेंद पर शानदार फार्म में चल रहे राय पगबाधा की विश्वसनीय अपील से बचे लेकिन दूसरी गेंद गुगली थी जिसे वह समझ नहीं पाये और बोल्ड हो गये। आंद्रे रसेल ने अगले ओवर में दूसरे सलामी बल्लेबाज हेल्स को शार्ट फाइन लेग पर कैच कराया।
कप्तान इयोन मोर्गन (पांच) की खराब फार्म जारी रही। बद्री की गुगली उनके लिये भी अबूक्ष पहेली रही जो बल्ले का किनारा लेकर क्रिस गेल के पास पहुंची जिन्हें कैच लेने में थोड़ा मशक्कत करनी पड़ी। मोर्गन ने इस टूर्नामेंट में छह मैचों में केवल 66 रन बनाये।
अब बटलर पर नजर थी जिनकी निगाह सुलेमान बेन पर थी। उन्होंने बायें हाथ के इस स्पिनर पर पहले दो चौके लगाये और फिर पारी का पहला छक्का भी लगाया। बेन को गेंद पर ग्रिप बनाने में दिक्कत आ रही थी लेकिन सैमी ने फिर भी उन्हें आक्रमण पर लगाया। बटलर शायद इसी का इंतजार कर रहे थे क्योंकि उन्होंने उनकी पहली दो गेंदों पर करारे छक्के लगाये। बेन ने तीन ओवरों में 40 रन दिये।
बटलर हर गेंद को सीमा रेखा तक पहुंचाना चाहते थे लेकिन ब्रेथवेट की गेंद उनके बल्ले से होकर सीधे मिडविकेट पर ब्रावो के सुरक्षित हाथों में चली गयी। बटलर ने अपनी पारी में एक चौका और तीन छक्के लगाये। बाद में इंग्लैंड ने रूट सहित एक रन के अंदर तीन विकेट गंवाये। इनमें से दो विकेट ब्रावो के खाते में गये।
बेन स्टोक्स (13) ने ब्रावो की गेंद पर हवा में लहराता कैच दिया तो नये बल्लेबाज मोईन अली (शून्य) ने आते ही विकेटकीपर दिनेश रामदीन के दस्तानों में गेंद पहुंचायी। बटलर को आउट करने वाले ब्रेथवेट ने अगले ओवर में रूट को भी पवेलियन भेजा जिन्होंने धीमी गेंद पर स्कूप करके फाइन लेग पर कैच दिया। उनकी पारी में सात चौके शामिल हैं।
विली ने पारी के 17वें ओवर में ब्रावो पर दो छक्के जड़कर उनका गेंदबाजी विश्लेषण बिगाड़ा लेकिन ब्रेथवेट ने अगले ओवर में शार्ट पिच गेंद पर उन्हें डीप में कैच कराकर अपना विश्लेषण सुधारा। निचले क्रम में विली के अलावा क्रिस जोर्डन ने 12 रन का योगदान दिया।

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