लखनऊ। केन्द्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के घाटमपुर में लंबे वक्त से अटकी 1980 मेगावाट (3 गुणा 660 मेगावाट) क्षमता की थर्मल पावर स्टेशन परियोजना को हरी झंडी दे दी है। यह पावर प्लांट नेयवेली उत्तर प्रदेश पावर लिमिटेड के माध्यम से बनाया जा रहा है जो कि नेयवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन तथा उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम का संयुक्त उपक्रम है। यह प्रोजेक्ट लगभग 17,000 करोड़ रुपए में बनेगा। इस परियोजना को यूपीए-1 के कार्यकाल में बनाने का तय किया गया था और उम्मीद दी थी कि 2016 तक इसका परिचालन आरंभ हो जाएगा लेकिन यूपीए के दोनों कार्यकालों में कुछ खास प्रगति नहीं हुई। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने कामकाज संभालने के बाद इस लंबे समय से रुकी कार्यवाही को तेज किया। यह परियोजना श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन को हासिल करने का लक्ष्य लिए हुए है जो है सभी के लिए चौबीसों घंटे किफायती एवं पर्यावरण अनुकूल बिजली की सुविधा। पहले चरण को 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा तथा दूसरे एवं तीसरे चरण का काम 2021 तक समाप्त हो जाएगा। घाटमपुर थर्मल पावर स्टेशन पूरा बनने के बाद सालाना 1400 करोड़ युनिट का उत्पादन करेगा जिसकी आपूर्ति मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश को होगी। इसकी कोयले की जरूरत को पूरा करने के लिए झारखंड के पचवारा दक्षिण कोयला ब्लॉक को आवंटित किया गया है। गौरतलब है कि जून 2012 में तत्कालीन कोयला मंत्री व कांग्रेस पार्टी के सांसद श्री श्रीप्रकाश जायसवाल और उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने घाटमपुर थर्मल पावर स्टेशन की आधारशिला रखी थी और वादा किया था कि 2016 तक यह परियोजना पूरी हो जाएगी जिसके बाद प्रदेश में बिजली की स्थिति में सुधार होगाय किंतु उस समारोह के बाद से कोई भी काम नहीं हुआ।