लखनऊ। समाजवादी पार्टी के विधानसभा प्रत्याशियों की पहली सूची से अपने समर्थकों का पत्ता साफ होने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के तेवर बगावती हो गए हैं। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की सूची को नकारते हुए उन्होंने 235 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी।
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- इनमें 171 मौजूदा विधायकों को फिर टिकट दिया है जबकि, 64 उन सीटों के भी प्रत्याशी घोषित किए हैं जहां पर 2012 में पार्टी हार गई थी।
- गुरुवार को पूरे दिन चले “दांव-पेंच” में पार्टी टूटने के कई बारसंकेत निकले। मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को विधानसभा चुनाव के लिए 325 प्रत्याशी घोषित किए थे। इसमें तीन मंत्रियों और 46 विधायकों का टिकट काट दिया था। जिनका टिकट कटा, वे मुख्यमंत्री के समर्थक कहे जाते हैं।
- इससे भड़के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव की करीबी सुरभि शुक्ला को आवास विकास व उनके पति डॉ. संदीप शुक्ला को निर्माण निगम के सलाहकार पद से बर्खास्त कर टिकट बंटवारे परआरपार की लड़ाई का संकेत दे दिया।
- सुबह 11 बजे उन्होंने विधायकों को अपने सरकारी आवास पर बुलाया। उनसे फौरी चर्चा के बाद सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह के विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पहुंचे। यहां मुलायम, अखिलेश और शिवपाल यादव के बीच टिकट बंटवारे के मतभेदों पर दो घंटे चर्चा हुई, जिसमें मुख्यमंत्री ने मंत्रियों, विधायकों का टिकट काटे जाने पर आपत्ति जाहिर की।
- यहां भी मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपनी सूची जारी करेंगे। हालांकि, मंत्री अरविंद सिंह गोप व रामगोविंद चौधरी को टिकट देने पर जोर दिया, जिस पर सहमति बनी मगर निर्णय नहीं हुआ।
- इसके बाद सपा अध्यक्ष के घर से निकले मुख्यमंत्री पांच कालिदास मार्ग स्थित आवास परिसर में बने जनसुनवाई भवन में इंतजार कर रहे विधायकों के पास पहुंचे। टिकट कटने को लेकर उन्हें तसल्ली दी।
- राय पूछी और कहा कि चुनावी तैयारी करें, सब को चुनाव लड़ाया जाएगा। वह अपनी सूची जारी करेंगे। बाहर निकले विधायकों ने भी कहा कि मुख्यमंत्री अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करेंगे। वह अपने-अपने सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे।
मुलायम ने शिवपाल को दोबारा बुलाया
मुख्यमंत्री की सूची जारी होने की चर्चा से दबाव में आये मुलायम सिंह यादव ने गुरुवार की शाम को ही प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव को फिर अपने घर बुलाया। उनके बीच प्रत्याशियों, परिस्थितियों पर लंबी चर्चा हुई।
सूत्रों का कहना कहा है कि कुछ सीटों पर प्रत्याशी बदलने की राय बन गयी है। इसमें मंत्री अरविंद सिंह गोप, रामगोविंद चौधरी को उनकी पसंद की सीट से टिकट देने की बात है। कुछ विधायकों का टिकट वापस हो सकता है।