नई दिल्ली, विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ नेता अशोक सिंघल का मंगलवार को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। वह 89 वर्ष के थे। विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने बताया कि सांस संबंधी और अन्य परेशानियों
के बाद पिछले शनिवार को मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराए गए सिंघल का ह्दय गति रूकने और सेप्टीसीमिया के कारण दिन में दो बजकर 24 मिनट पर निधन हो गया। तोगड़िया खुद एक डॉक्टर हैं। राइट लोअर लोब निमोनिया से पीड़ित होने के बाद सिंघल को उपचार के लिए अस्पताल की सघन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था। उन्हें 14 नवंबर की शाम से वेंटिलेटर पर रखा गया था। अस्पताल ने सोमवार को बताया था कि गहन सुरक्षा, सांस संबंधी, तंत्रिका विज्ञान, गुर्दा, एंडोक्रीनोलॉजी विशेषज्ञों वाली एक टीम सिंह के उपचार में लगी थी। उनके पार्थिव शरीर को आज रात झंडेवालन में आरएसएस के कार्यालय में रखा जाएगा, जहां पर भाजपा और विहिप के नेताओं समेत अन्य लोग उनके अंतिम दर्शन करेंगे। सूत्रों के अनुसार, बुधवार दोपहर तीन बजे निगम बोध घाट पर सिंघल का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पीएम मोदी ने जताया दुख
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उनके निधन पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि उनको हमेशा उनका आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिलता रहा। वह कई सामाजिक कार्यों से जुडे़ रहे, जिससे गरीबों को लाभ मिला। वह लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं।
संक्षिप्त जीवन परिचय
वह विश्व हिन्दू परिषद के संस्थापक थे। अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। वे काफी अर्से तक आरएसएस से जुडे़ रहे। उनका जन्म आगरा में हुआ था और वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद आरएसएस से जुड़ गए थे।