योगी लगे हैं VIP कल्चर खत्म करने में, और मंत्री ले रहे कारपेट पर गॉर्ड ऑफ ऑनर

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लखनऊ। नरेन्द्र मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान वीआईपी कल्चर पर ‘हथौड़ा’ चलाते हुए 2017 से लगातार कई कड़े कदम उठाए। खुद मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश में लाल-नीली बत्तियां हटाने का फैसला किया था, अपनी फ्लीट से गाड़ियां कम की थीं और नई लग्जरी गाड़ियां नहीं खरीदी थीं।
योगी का ये फैसला सबसे ज्यादा चर्चा में रहा था। लेकिन उनके मंत्री हैं कि मानते ही नहीं। शनिवार को कैबिनेट मंत्री सतीश महाना गाजीपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण करने पहुंचे थे। 12.30 पर उनका हेलीकॉप्टर हाईवे पर ही उतरा। यहां वीआईपी कल्चर की पराकाष्ठा तब दिखी जब उन्हें हाईवे पर ही रेड कारपेट बिछाकर गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि योगी इस कल्चर को कैसे नियंत्रित करेंगे। एसएसपी के पीआरओ प्रवीण कुमार का कहना है कि यह गॉर्ड ऑफ ऑनर मैनुअल के आधार पर दिया जाता है।
देश में वीआईपी कल्चर खत्म करने का पहला बड़ा प्रयास नरेंद्र मोदी ने शुरू किया था। जब वर्ष 2017 में उन्होंने मंत्रियों और अफसराें की गाड़ी पर नीली-लाल बत्ती हटाने का फैसला किया था। योगी सरकार ने भी सत्ता में आते ही यह फैसला लागू किया। इसके बाद योगी ने अपने सभी मंत्रियों को वीआईपी कल्चर खत्म करने के आदेश दिए थे।

इसकी चौतरफा प्रशंसा के साथ−साथ इस पर खूब सियासत भी हुई थी। गैर भाजपाई राज्य सरकारों ने मोदी सरकार के फैसले को अपने राज्यों में लागू करने से मना कर दिया था। उस समय उत्तर प्रदेश में नई−नई योगी सरकार बनी थी। अन्य राज्यों से इत्तर योगी सरकार ने सबसे पहले लाल−नीली बत्ती कल्चर को खत्म करने के लिए इसे प्रदेश में लागू कर दिया। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने पहली मई 2017 से लाल बत्ती हटाने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट से वो नियम ही हटा दिया था, जिसके तहत केंद्र और राज्य सरकारें वीआईपी लोगों को लाल बत्ती लगाने की इजाजत देती थीं। लाल बत्ती हटाने के आदेश के साथ ही 28 साल पुरानी परंपरा खत्म हो गई थी। वैसे, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सख्त फैसले लेने के लिए जानी जाती है। पहले उसने मोदी सरकार की पहल पर मंत्रियों और अधिकारियों की गाड़ी पर लगने वाली लाल−नीली बत्ती कल्चर को खत्म किया तो उसके बाद मंत्रियों और नेताओं से संपत्ति का ब्योरा मांग लिया। इसी प्रकार प्रदेश में अपराध नियंत्रण के लिए बदमाशों के एनकांउटर का रास्ता भी चुना।

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