लखनऊ। उत्तरप्रदेश के बहुचर्चित उन्नाव दुष्कर्म केस की दुष्कर्म पीड़िता की हालत हादसे के बाद पांचवें दिन भी नाजुक बनी है। उसे लखनऊ के केजीएमयू में आईसीयू में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि हादसे के बाद उसके शरीर में 6 जगह फ्रैक्चर हुआ था और उसका करीब 3 यूनिट खून बह चुका है। वह अभी भी जिंदगी के लिए जंग लड़ रही है।
यह हादसा रायबरेली में 28 जुलाई को हुआ था। इसमें पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी। उनके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले से जुड़े सभी केसों को दिल्ली ट्रांसफर करने के निर्देश दिए थे। हादसे का केस जांच पूरी होने के बाद ट्रांसफर किया जाएगा। कोर्ट ने पीड़िता के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराए जाने के निर्देश भी दिए थे।
डॉक्टर ने कहा- पीड़िता के शरीर का दाहिना हिस्सा सबसे ज्यादा खराब स्थिति में
केजीएमयू के डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि पीड़िता के शरीर का दाहिना हिस्सा ज्यादा खराब हुआ है। जबड़ा, दाहिनी कोहनी, कॉलर बोन, कूल्हे की हड्डी और दाहिने पैर की हड्डी में फ्रैक्चर है। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि उसे बचा लिया जाए। 1 अगस्त को उसे वेंटीलेटर से हटाने की कोशिश की गई थी, लेकिन उसे वापस वेंटीलेटर पर ही लाना पड़ा। उम्मीद है कि 24 घंटे में हालत में कुछ सुधार हो जाए।
उन्होंने कहा- विशेषज्ञों की बड़ी टीम पीड़िता का इलाज कर रही है। लेिकन, जिस हालत में पीड़िता अस्पताल पहुंची, वैसी स्थिति में जल्दी सुधार नहीं होता। हालत धीरे-धीरे सुधरती है। एक्सीडेंट के बाद से उसे होश नहीं आया है। सांस लेने में दिक्कत की वजह से ट्रैक्यिटोमी (गले में चीरा) लगाया गया है।
डॉ. संदीप ने कहा- जांघ की हड्डी टूटने की वजह से तकरीबन डेढ़ लीटर खून बह गया था। इंटरनल ब्लीडिंग भी बहुत ज्यादा हुई थी। इसकी वजह से कंडीशन क्रिटिकल बनी हुई है। कभी-कभी इंटरनल चोट गंभीर होती हैं, जो स्कैन नहीं हो पातीं।
मां ने जब डॉक्टरों से पूछा- बिटिया अब कैसी है?
पीड़िता की मां आईसीयू के बाहर ही रहती है। मां बाहर निकलने वाले हर डॉक्टर से पूछती है कि मेरी बिटिया अब कैसी है। हालांकि, अब पूरे परिवार को सुरक्षा के घेरे में ले लिया गया है। पहले पीड़िता का परिवार रोज मीडिया से बातचीत करता था, लेकिन शुक्रवार को किसी ने बातचीत नहीं की।