स्वतंत्र देव सिंह का ABVP से BJP प्रदेश अध्यक्ष तक का सफर

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लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उत्तर प्रदेश इकाई के नवनियुक्त अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के सियासी जीवन का सफर बहुत लम्बा और अनुभवों से भरापुरा है। वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य हैं। साथ ही प्रदेश की योगी सरकार में स्वतंत्र प्रभार के परिवहन राज्य मंत्री भी हैं।
वर्ष 1986 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुडकर स्वतंत्र देव सिंह ने एक स्वयंसेवक के रूप में कार्य करना प्रारम्भ किया। दो वर्ष बाद 1988 में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बने और कानपुर में काम करते हुए छात्रों व नौजवानों के बीच राष्ट्रवादी विचारधारा का प्रसार किया।
इसके बाद 1991 में स्वतंत्र देव भारतीय जनता युवा मोर्चा के कानपुर के प्रभारी बने, जबकि 1994 में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के युवा मोर्चा के प्रभारी के रूप में उन्होंने बड़ी संख्या में युवाओं के बीच पार्टी संगठन की पैठ बढ़ाई।
श्री सिंह 1996 व 1998 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री भी रहे। 2001 में उन्हें उ0प्र0 भारतीय जनता युवा मोर्चा की कमान सौपते हुए उन्हें युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पूरे प्रदेश में बूथ स्तर तक उन्होंने युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं का संगठन किया।
वर्ष 2004 में श्री सिंह को उ0प्र0 विधान परिषद का सदस्य नियुक्त किया गया। साथ ही 2004 में ही उन्हें भाजपा के प्रदेश महामंत्री का दायित्व भी दिया गया। 2004 से 2010 तक वे भाजपा के प्रदेश महामंत्री रहे। जबकि 2010 से 2012 तक पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। 2012 में वे फिर से पार्टी के प्रदेश महामंत्री बने और 2017 तक प्रदेश महामंत्री रहे। श्री सिंह को लोकसभा चुनाव से पूर्व 2013 में पश्चिम क्षेत्र के प्रभारी रहे। 2014 में उन्हें पार्टी का प्रदेश सदस्यता प्रमुख बनाया गया।
युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में श्री सिंह ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की गरिमामयी उपस्थिति में युवा मोर्चे का राष्ट्रीय महाअधिवेशन आगरा में सम्पन्न कराया। 2002 में ही भाजपा की सीमा जागरण यात्रा (सहारनपुर, पीलीभीत बार्डर से बिहार तक) सम्पन्न कराई। आतंकवाद विषय पर संगोष्ठियां कराकर समाज में खासकर युवाओं में आतंकवाद के खिलाफ जनजागरण का अभियान चलाया। पार्टी द्वारा आयोजित गंगा यात्रा में गणमुक्तेश्वर मुरादाबाद से बलिया तक प्रमुख संचालक रहे। 2012 में विजय संकल्प यात्रा के प्रमुख रहे। जबकि 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैलियों के प्रदेश प्रभारी भी रहे।
2017 में प्रदेश में भाजपा सरकार के गठन के पश्चात् उन्हें राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाते हुए परिवहन व प्रोटोकाल जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी के साथ ही ऊर्जा विभाग के राज्यमंत्री का दायित्व भी दिया गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें मध्य प्रदेश का लोकसभा चुनाव प्रभारी बनाया गया। उन्होंने वर्ष 2004 में चीन, हांगकाॅग एवं सिंगापुर में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय युवा सम्मेलन में देश का प्रतिनिधित्व किया।
पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखने वाले स्वतंत्र देव सिंह ने संघ के आंगन में संस्कारों की शिक्षा लेकर भाजपा में एक कार्यकर्ता से लेकर संगठनकर्ता तक का सफर तय किया है। उनका जन्म 13 फरवरी 1964 को मिर्जापुर में हुआ लेकिन उन्होंने अपनी कर्मभूमि जालौन को बनाया। स्वतंत्र देव सिंह बेहद गरीबी में पले-बढ़े हैं। एक दौर में वह पत्रकारिता भी करते थे। प्रारम्भ में उनका नाम कांग्रेस सिंह था, लेकिन स्वतंत्र भारत अखबार में काम करने के कारण बाद में जब संघ के नजदीक आये तो अपना नाम बदलकर स्वतंत्र देव सिंह कर लिया।

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