सोनभद्र हत्याकांड : पीड़ितों से मिले सीएम योगी, कहा- दोषियों को सजा मिलेगी

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  • मृतकों के परिजनों को 18.5 लाख देने का ऐलान

सोनभद्र। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोनभद्र हत्याकांड के तीन दिन बाद रविवार को यहां पहुंचे। यहां उन्होंने हत्याकांड में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की। यहां योगी ने एक बार फिर कहा कि यह पाप कांग्रेस के समय में ही किया गया था। जांच में पारदर्शिता बरती जाएगी और 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपी जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। योगी ने हत्याकांड में मारे गए सभी मृतकों के परिजनों को 18.50 लाख रुपए और घायलों को 2.50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान भी किया। इससे पहले सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपए देने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो जमीन खेती के लिए यूज हो रही थी उसे पब्लिक ट्रस्ट को कैसे दी गई। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की जमीन को जबरन कब्जा किया गया। फिर इसे पब्लिक ट्रस्ट को सौंप दी गई। सोनभद्र हत्याकांड के नाम पर कुछ लोग घडिय़ाली आंसू बहाकर अपने कुकर्मों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन यह ज्यादा दिन तक छिपेगा नहीं।

योगी के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव डॉ. अनूप चन्द्र पांडेय व डीजीपी ओपी सिंह भी मौजूद रहे। इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी पहुंचीं थीं। वह पीडि़तों से मुलाकात के लिए सोनभद्र जा रही थीं, तभी पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। प्रशासन उन्हें चुनार गेस्ट हाउस ले गया। जहां वह 26 घंटे तक धरने पर बैठीं रहीं। बाद में शनिवार को प्रशासन ने पीडि़तों से उनकी मुलाकात करवाई। इस दौरान प्रियंका ने सभी मृतकों के परिजनों को 10 लाख रु. की मदद देने का ऐलान किया था। योगी ने कहा कि मैंने खुद डीजीपी को निर्देश दिया है कि वे व्यक्तिगत तौर पर मामले की निगरानी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस जमीन पर काफी समय से विवाद था। वारदात के बाद एसडीएम, सीओ, एसओ सहित हल्का और बीट के सभी सिपाही निंलबित कर दिए गए हैं। साथ ही इस जमीनी विवाद की जांच अपर मुख्य सचिव राजस्व को सौंप दी गई है।17 जुलाई को प्रधान यज्ञदत्त करीब 200 लोगों को लेकर घोरावल थाना इलाके के उम्भा गांव पहुंचा। उन लोगों के पास गंड़ासे और अवैध तमंचे थे। प्रधान ट्रैक्टरों से खेत की जबरन जुताई करवाने लगा। इस पर ग्रामीणों ने विरोध किया तो प्रधान के समर्थकों ने उन पर हमला कर दिया था। इस दौरान हुई हिंसा में दस लोग मारे गए थे।

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