मथुरा : मोदी ने कहा- कान में ‘ओम’ और ‘गाय’ शब्द पड़ते ही कुछ लोगों को करंट लगता है

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मथुरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मथुरा में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि नदियों, झील और तालाब में रहने वाले प्राणियों का प्लास्टिक को निगलने के बाद जिंदा बचना मुश्किल हो जाता है। सिंगल यूज प्लास्टिक से छुटकारा पाना ही होगा। हमें यह कोशिश करनी है कि इस वर्ष 2 अक्टूबर तक अपने घर, दफ्तर, कार्यक्षेत्र को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करें। सिंगल यूज प्लास्टिक यानी ऐसा प्लास्टिक जिसे एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है।

मोदी ने कहा- इस देश का दुर्भाग्य है कि कुछ लोगों के कान में अगर “ओम’ और “गाय’ शब्द पड़ता है तो उनके बाल खड़े हो जाते हैं। उनको लगता है कि देश 16वीं शताब्दी में चला गया है। ऐसा ज्ञान, देश को बर्बाद करने वालों ने देश बर्बाद करने में कुछ नहीं छोड़ा है।

1000 करोड़ से ज्यादा की योजनाओं का शिलान्यास किया

मोदी ने मथुरा में कचरा बीनने वाली महिलाओं से मुलाकात की। प्रधानमंत्री मथुरा के लिए 1000 करोड़ रु. से ज्यादा की योजनाओं का शिलान्यास किया। मोदी ने वेटरनरी विश्वविद्यालय में पशु आरोग्य मेले का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने मेले में किसानों से भी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि सरकार की योजनाओं का लाभ किसानों को मिल रहा है या नहीं। पीएम ने प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इसमें नई तकनीकों का प्रयोग किया गया है।

‘पर्यावरण प्रेम के बिना कृष्णभक्ति अधूरी’
मोदी ने कहा, ‘‘नए जनादेश के बाद कान्हा की नगरी में पहली बार आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इस बार भी पूरे उत्तर प्रदेश का पूरा आशीर्वाद मुझे और मेरे साथियों को प्राप्त हुआ है। देशहित में आपके इस निर्णय के लिए में ब्रजभूमि से आपके सामने शीश झुकाता हूं।’’

‘‘भारत के पास श्रीकृष्ण जैसा प्रेरणा स्त्रोत रहा है, जिसकी कल्पना पर्यावरण प्रेम के बिना अधूरी है। कालिंदी जिसे यमुना कहते हैं। हरी-गास चरती उनकी धेनु। क्या इसके बिना श्रीकृष्ण की तस्वीर पूरी हो सकती है। क्या दूध, दही, माखन के बिना बाल गोपाल की कल्पना कोई कर सकता है। प्रकृति, पर्यावरण और पशुधन के बिना जितने अधूरे हमारे अराध्य नजर आते हैं उतना ही अधूरापन हमे भारत में भी नजर आएग। प्रकृति से संतुलन बनाकर ही हम नए भारत की तरफ आगे बढ़ेंगे।’’

‘प्लास्टिक पशुओं की मौत का कारण बन रहा’
मोदी ने कहा कि आज स्वच्छता ही सेवा अभियान की शुरुआत की गई। नेशनल एनिमल डिजीज प्रोग्राम को भी शुरू किया गया। पशुओं के स्वास्थ्य संवर्धन और पोषण से जुड़ी योजनाएं भी शुरू की गई। मथुरा के पर्यटन से जुड़ी भी कई परियोजनाओं की भी शुरुआत की गई।

‘‘कुछ दिन बाद हम बापू की 150वीं जयंती का पर्व मनाएंगे। महात्मा गांधी ने स्वच्छता को प्रमुखता दी। हमें उनसे सीखना चाहिए। यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि भी है। स्वच्छता ही सेवा के पीछे भी यही भावना जुड़ी है। आज से शुरू हो रहे अभियान को प्लास्टिक से कचरे से मुक्ति के लिए समर्पित किया गया है। यह समस्या समय के साथ गंभीर होती जा रही है। बृजवासी अच्छी तरह जानते हैं कि कैसे प्लास्टिक पशुओं की मौत का कारण बन रहा है। मैं देशभर में काम कर रहे सभी हेल्थ गुप, सिविल सोसाइटी, युवा मंडल, महिला मंडल, क्लब, स्कूल, कालेजों से सिंगल यूज प्लास्टिक खत्म करने के मिशन में शामिल होने का आग्रह करता हूं।’’

‘गाय शब्द सुनते ही कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते हैं’

मोदी ने कहा- ‘‘कुछ लोगों के कान पर अगर गाय और ओम शब्द पड़ता है तो उनके बाल खड़े हो जाते हैं। उन्हें लगता है देश 16वीं शताब्दी में चला गया। क्या ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बात बिना पशुधन के की जा सकती है?‘‘

‘पड़ोस में फल-फूल रहीं आतंकवाद की जड़ें’
उन्होंने कहा, ‘‘आज का दिन ऐतिहासिक है, लगभग 1 सदी पहले विश्व धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका के शिकागो में ऐतिहासिक भाषण दिया था। लेकिन, ये देखिए कि आज ही के दिन अमेरिका में ही ऐसा हमला हुआ था जिसे देखकर दुनिया दहल गई थी।‘‘

‘‘आज आतंकवाद एक विचारधारा बन गई है, जो किसी सरहद से नहीं बंधी है। यह एक वैश्विक समस्या है, जिसकी मजबूत जड़ें हमारे पड़ोस में फल-फूल रही हैं। आतंकवादियों को पनाह और प्रशिक्षण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारत पूर्ण रूप से सक्षम है और हमने करके दिखाया भी है।‘‘

19 संस्थानों का स्टॉल लगाया गया

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के देश में मौजूद 19 संस्थानों का एक-एक स्टॉल पशु आरोग्य मेले में लगाया गया है। स्टाॅल तीन कैटेगरी के हैं। पहला- पशु आरोग्य, दूसरा- पोषाहार और तीसरा- लाइव स्टॉक प्रोडक्ट।

मोदी ने पशुओं के टीकाकरण के लिए लगाई गई प्रदर्शनी का मुआयना किया। इसमें देशभर से लाई गई विभिन्न तकनीकों और दवाईयों के इस्तेमाल को दिखाया गया। मोदी ने पंचगव्य की भी जानकारी ली। पंचगव्य को गाय के मूत्र से तैयार किया जाता है।

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