लखनऊ। लखनऊ के महानगर स्थित उत्तर प्रदेश सुरक्षा मुख्यालय में तैनात सिपाही देवी शंकर मिश्रा ने सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली। गोली लगने के बाद वह नीचे गिर पड़ा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
परिजनों से हुई पूछताछ
घटना की सूचना मिलते ही सुरक्षा मुख्यालय के उच्च पुलिस अधिकारी मौके पर आ गये। तभी महानगर के क्षेत्राधिकारी संतोष सिंह भी पहुंचे, उन्होंने शव को अपने कब्जे में लेते हुए आगे की कार्यवाही कराई। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। इसके बाद से पुलिस जांच में जुटी हुई है। सिपाही के नजदीकी पुलिसकर्मियों और परिजन से पूछताछ की गई है।
अचानक मार ली गोली
क्षेत्राधिकारी महानगर संतोष ने बताया कि सुबह हेड कांस्टेबल 11 बजे मुख्यालय पर पहुंचे। वह अपने रूम के बाहर बैठे थे, तभी अचानक उन्होंने अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली। गोली की आवाज सुनकर आसपास खड़े पुलिसकर्मी उधर की ओर भागे लेकिन गोली लगने के बाद वह नीचे गिर पड़ा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। शुरुआती जांच में सुरक्षा मुख्यालय में उनके किसी तनाव के होने की जानकारी सामने नहीं आई है। आत्महत्या किस कारण से की गई, फिलहाल से ये स्पष्ट नहीं हो सका है।
इंस्पेक्टर से चल रहा था विवाद
देवी शंकर मिश्र मूल रूप से उन्नाव के पड़री के रहने वाले थे। घर पर पत्नी मंजू और छोटी बेटी कोमल रहती है। कोमल अम्बालिका से एमबीए कर रही है। देवी शंकर मिश्र 1984 में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। वह 11 साल से एसपीजी में तैनात रहे। सन 1998 से सुरक्षा शाखा से संबद्ध हो गए। देवी शंकर मिश्र के भाई रवि शंकर मिश्र पीएसी 32 बटालियन में हेड कॉन्स्टेबल है। उनका आरोप है कि सुरक्षा मुख्यालय में इंस्पेक्टर मनोज सिंह का देवी शंकर मिश्र से विवाद चल रहा था।
मनोज सिंह 54 साल उम्र होने की बात कहकर मूल विंग में तैनाती करने की धमकी देता था। इसके लिए वह 50 हज़ार की मांग करता था। आज सुबह घर से एकदम ठीक वह घर से निकले थे। पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी। देवी शंकर अपने परिवार के साथ हज हाउस के पास शन्ति नगर मुहल्ले मे रह्ते थे। उनकी दो बेटियांं हैं। बड़ी बेटी की शादी राजस्थान में हुई है, जबकी दूसरी बेटी अभी पढ़ाई कर रही है।