नोएडा। उड़ीसा के नयागढ़ न्यायालय में महिला कोर्ट की पूर्व असिस्टेंट सेशन जज दीपा दास ने न्यायालय के वकीलों व वरिष्ठ जजों पर मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न देने का आरोप लगाया है। मंगलवार को नोएडा मीडिया क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान मूलतः भद्रक निवासी जज दीपा दास ने बताया कि 2017 जनवरी में वह नयागढ़ जिला कोर्ट में अपनी कोर्ट का काम निपटा रहीं थी। उस दौरान कुछ वकीलों ने उनपर अपने मुताबिक फैसला देने का दबाव बनाया। उन्होंने बताया कि कुछ केसों में उन्होंने तारीख न देते हुए फैसला सुनाया था, जबकि वकील चाहते थे कि उन्हें आगे की तारीख मिले। दीपा दास ने बताया कि उड़ीसा में मेरी बात को सुनने वाला कोई नहीं है । मैंने वकीलों व जजों की बात वहां नहीं मानी, इस कारण मेरे ऊपर अन्याय किया गया। दीपा दास ने बताया कि ऐसा न करने पर वकीलों ने उनकी कोर्ट का बहिष्कार कर दिया और उनके कोर्ट के बाहर खड़े होकर उनको अन्शब्द कहने लगे। 2010 बैच की ज्यूडिशियल अधिकारी दीपा दास ने बताया कि इसकी शिकायत उन्होंने जिला जज से की और उसके बाद पुलिस की मदद से वे अपने घर पहुंची। अगले दिन फिर से वकीलों ने उन्हें घेर लिया। तंग आकर उन्होंने जिला जज के माध्यम से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के लिए महिला आयोग, हाईकोर्ट सहित कई जगह शिकायत दी, जिसके दो दिन बाद उनका तबादला गजपति जिला में कर दिया गया। दास ने कहा कि उन्होंने हाईकोर्ट में भी शिकायत दी थी और उनको उम्मीद थी कि हाईकोर्ट से उनको न्याय मिलेगा, लेकिन वहां से भी कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया । इसके बाद मैंने आरटीआई के तहत जवाब मांगा की मेरे द्वारा की गयी शिकायतों पर क्या कार्रवाई हुई है? लेकिन मेरे आरटीआई को लौटा दिया गया। इसके बाद मैं मीडिया के सामने आई हूं।