Hathras Stampede: हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र के ग्राम फुलरई मुगलगढ़ी में हुए दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मुख्य आयोजक और एक लाख के ईनामी मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी के बाद, यूपी पुलिस ने शनिवार को एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इसके अलावा, पुलिस ने रामप्रकाश शाक्य और संजू यादव जैसे दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। हाथरस पुलिस के अनुसार, इन आरोपियों से की जा रही जांच में सामने आया है कि इन्हें कुछ समय पहले कुछ राजनीतिक पार्टियों ने संपर्क किया था। इस पर अब गहराई से जांच की जा रही है कि क्या ये आरोपी राजनीतिक पार्टी द्वारा संचालित किसी तरह के कार्यक्रम या अन्य संसाधनों से जुड़े हैं।
हाथरस के एसपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि देवप्रकाश मधुकर को शुक्रवार को देर शाम नजफगढ़ (दिल्ली) से गिरफ्तार किया गया था, जबकि सिकन्दराराऊ पुलिस ने रामप्रकाश शाक्य को कैलोरा चौराहा से और संजू यादव को गोपालपुर कचौरी, सिकन्द्राराऊ से गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि आरोपी देवप्रकाश मधुकर ने इस संगठन में कई वर्षों से सक्रिय भूमिका निभाई है, जिसके कारण संगठन को आर्थिक समर्थन प्राप्त हुआ और संगठन की संचालना और सत्संग की व्यवस्था के लिए पैसे इकट्ठा किए गए हैं।
अब तक की जांच से स्पष्ट हो रहा है कि कुछ राजनीतिक दल इन आरोपियों से अपने राजनीतिक और व्यक्तिगत हितों के लिए जुड़े हुए हैं। आरोपी देवप्रकाश मधुकर से जुड़ी सभी बैंक खातों, संपत्तियों, मनी ट्रेल आदि की जांच की जा रही है, और इसमें अन्य एजेंसियों से सहायता ली जा रही है। वहीं, मधुकर के पिता तेजप्रताप ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि हम बाबा को नहीं मानते और उनके संत समागम में कभी नहीं गए हैं। देवप्रकाश मधुकर के सत्संग में कैसे गए, यह तो वे ही जानते हैं।
हाथरस पुलिस अनुसार, जांच के दौरान स्पष्ट हुआ कि बाबा के सेवादारों ने उन्हें भीड़ के बीच से गाड़ी से निकाला, जबकि इन्हें पता था कि इस प्रक्रिया में दुर्घटना हो सकती थी। इसके अतिरिक्त, यह भी जांचा जा रहा है कि यह घटना किसी सेवादार के कहने या प्रेरित करने से नहीं हुई हो। पुलिस द्वारा अगली कदम सावधानीपूर्वक उठाया जा रहा है और आवश्यकतानुसार गिरफ्तार सेवादारों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लिया गया है।
इस संदर्भ में, पुलिस ने बताया कि प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्त देवप्रकाश मधुकर ने बताया कि वह वर्ष 2010 से एटा जनपद में मनरेगा कार्यकर्ता के रूप में सेवारत हैं। उन्होंने इस संगठन से संबंध बनाए रखा है और इसके लिए फंड इकट्ठा करने का कार्य किया है। उन्होंने ग्राम फुलरई में 2 जुलाई को आयोजित सत्संग के कार्यक्रम का मुख्य आयोजन किया था और उसकी अनुमति उन्हीं द्वारा ली गई थी। पुलिस ने इस कार्यक्रम स्थल पर हस्तक्षेप से बचाव किया था और किसी भी व्यक्ति को वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी करने से रोका था।