नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट उन 7 याचिकाओं पर कल यानि 28 अगस्त को सुनवाई करेगा जिसमें अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को चुनौती दी गयी है। इन याचिकाओं में शाह फैसल और शेहला रशीद व अन्य लोगों ने याचिका दायर की है।
सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
अनुच्छेद 370 के खिलाफ कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों और नौकरशाहों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जिन पूर्व अधिकारियों और नौकरशाहों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अनुच्छेद 370 हटाने को चुनौती दी है उनमें 2010-11 में गृह मंत्रालय के कश्मीर पर वार्ताकार राधा कुमार, पूर्व आईएएस अधिकारी हिंडाल तैयबजी, पूर्व एयर वाईस मार्शल कपिल काक, रिटायर्ड मेजर जनरल अशोक मेहता और पूर्व आईएएस अमिताभ पांडे शामिल हैं। इनके अलावा अनुच्छेद 370 को लेकर जिन लोगों ने याचिका दायर की है उनमें जम्मू कश्मीर से नेशनल कांफ्रेंस के सांसद मोहम्मद अकबर लोन और हसनैन मसूदी, कश्मीर के वकील शाकिर शब्बीर, वकील मनोहर लाल शर्मा, दिल्ली में जामिया यूनिवर्सिटी से लॉ ग्रेजुएट मोहम्मद अलीम और कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी आदेश नहीं दिया था
पिछले 16 अगस्त को कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंध और कर्फ्यू हटाए जाने तथा संचार सेवा बहाल करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी थी। कश्मीर में लैंडलाइन, मोबाइल, इंटरनेट बहाल करने, पत्रकारों को आने-जाने पर रोक-टोक न करने की मांग वाली अखबार कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी आदेश नहीं दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सरकार को हालात सामान्य बनाने का मौका मिलना चाहिए। अटार्नी जनरल ने कोर्ट को बताया था कि कश्मीर में स्थितियां बदल रही हैं। सिक्योरिटी एजेंसियां स्थितियों पर नजर रखे हुए हैं। जैसे ही जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य होंगे, वैसे ही तमाम प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे।