नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (SC) ने corona lockdown के दौरान 25 मार्च से 24 मई की अवधि में रद्द हुयी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के टिकटों का पैसा तीन सप्ताह के भीतर लौटाने का गुरुवार को निर्देश दिया। केन्द्र का प्रस्ताव स्वीकार करते हुये शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि अगर लॉकडाउन की अवधि में यात्रा के लिए एजेन्ट के जरिए टिकट बुक कराये गए थे तो ऐसे सभी मामलों में विमान कंपनियों को तत्काल पूरा पैसा लौटाना होगा और एजेन्ट को यह धनराशि तुरंत ही यात्रियों को देनी होगी।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्याययमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति MR शाह की पीठ ने अपने फैसले में कहा, अगर वित्तीय संकट की वजह से कोई Airline धन लौटाने की स्थिति में नहीं है तो वह टिकट की वसूली गई कीमत के बराबर का credit sell उस यात्री के नाम से देगी जिसने यह बुकिंग सीधे या ट्रैवेल एजेन्ट के जरिए कराई हो ताकि 31 मार्च 2021 से पहले इसका इस्तेमाल किया जा सके।
कोर्ट ने कहा कि यात्री चाहे तो 31 मार्च 2021 तक ऐसे credit sell का किसी भी मार्ग पर खुद इस्तेमाल कर सकता है या इसे ट्रैवेल एजेन्ट सहित किसी भी व्यक्ति को हस्तांतरित कर सकता है और विमान कंपनियां ऐसे हस्तांतरण को स्वीकार करेंगीं। पीठ ने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय, नागरक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा आयोजित बैठक में तैयार सुझावों और तरीके , जो अधिकांश हितधारकों को स्वीकार्य हैं, उनकी भावना के अनुरूप लागू किये जाएंगे।
Covid महामारी की वजह से लागू लाकडाउन के कारण रद्द हुयी उड़ानों के यात्रियों के टिकटों के पैसे की वापसी के लिए गैर सरकारी संगठन प्रवासी लीगल सेल सहित अनेक संगठनों द्वारा दायर याचिकाओं पर पीठ ने अपने फैसले में अनेक निर्देश दिए हैं। पीठ ने कहा, ”हम समझते हैं कि ये तरीके देश के समक्ष उत्पन्न विषम परिस्थितों में कार्यशील समाधान हैं। न्यायालय ने कहा कि Covid-19 महामारी की वजह से देश और दुनिया की मौजूदा स्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और विमान कपनियों के खिलाफ उड़ान मानकों के सख्ती से लागू करने पर इनकार संचालन और प्रभावित होगा।
पीठ ने कहा, इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि उड़ानों के संचालन पर लागू प्रतिबंध से नागरिक उड्डयन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। विमान यात्रियों की संख्या में भी जबर्दस्त गिरावट आयी है और इसे धीरे धीरे बहाल किया जा रहा है। न्यायालय ने कहा कि सख्ती से की गई कोई भी कार्रवाई विमान कंपनियों द्वारा धनोत्पार्जन की संभावना को प्रभावित करेगी जो टिकटों का पैसा वापस करने की प्रक्रिया पर भी प्रतिकूल असर डालेगा।