नई दिल्ली। Supreme Court ने राजस्थान हाईकोर्ट को आदेश जारी करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर अमल हमारे फैसले पर निर्भर करेगा। कोर्ट ने कहा कि इस मसले पर विस्तार से सुनवाई करने की जरूरत है। इस मामले पर अगली सुनवाई 28 July को होगी।
Speaker की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि 24 July को आदेश के लिए हाईकोर्ट ने मामला list किया है। हाईकोर्ट के आदेश में लिखा है कि Speaker से फिलहाल कार्रवाई टालने का आग्रह करते हैं लेकिन हाईकोर्ट ऐसा आदेश नहीं दे सकता है। सिब्बल ने 1992 के किहोटो होलोहान केस का हवाला दिया। उन्होंने दसवीं अनुसूची में लिखे स्पीकर के अधिकार का भी हवाला देते हुए कहा कि अयोग्यता पर Speaker के फैसले की न्यायिक समीक्षा हो सकती है। फैसले से पहले कोर्ट दखल नहीं दे सकता है। Speaker के फैसले के बाद भी कोर्ट के दखल का दायरा काफी सीमित होता है।
सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल से पूछा कि अगर हाईकोर्ट में किसी विधायक की याचिका लंबित हो और स्पीकर उसे अयोग्य करार दे, क्या तब भी हाईकोर्ट दखल नहीं दे सकता? इस पर सिब्बल ने कहा कि तब दखल दे सकता है। Court ने पूछा कि हाईकोर्ट में विधायक क्यों गए हैं? सिब्बल ने कहा कि उन्होंने स्पीकर की तरफ से भेजे गए notice को चुनौती दी है। लेकिन ऐसा नहीं किया जा सकता। तब SC ने पूछा कि क्या आपने इन बिंदुओं पर हाईकोर्ट में जिरह नहीं की?
सिब्बल ने कहा कि कुछ विधायक विधायक दल की तरफ से बुलाई गई बैठक में नहीं आए। हरियाणा के एक रिसॉर्ट में बैठ गए हैं। Court ने पूछा कि स्पीकर ने नोटिस जारी क्यों किया? तब सिब्बल ने कहा कि पार्टी के चीफ व्हिप ने स्पीकर के सामने इस बारे में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने पूछा कि Speaker ने जो notice जारी किया, वो कहां है । तब सिब्बल ने Speaker का notice पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा कि 17 July को विधायकों को पक्ष रखना था। लेकिन वो हाईकोर्ट चले गए। Speaker ने सिर्फ notice जारी किया है, कोई फैसला नहीं लिया।
सिब्बल ने बागी विधायकों के बयानों का हवाला दिया
सिब्बल ने बागी विधायकों के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि बैठक में आने की बजाय वे media में बयान दे रहे थे। तब Court ने पूछा कि क्या इन लोगों ने party छोड़ दी है? किसी को पार्टी में रहते हुए भी अयोग्य करार दिया जा सकता है? तब सिब्बल ने कहा कि पहले कुछ मामलों में हुआ है। तब court ने कहा कि असंतोष की आवाज़ को ऐसे दबाया नहीं जा सकता है। सिब्बल ने कहा कि विधायक स्पीकर के सामने आएं। वे बताएं कि पार्टी की बैठक में आने की बजाय हरियाणा के रिसोर्ट में क्यों गए। अगर Speaker उनके जवाब से संतुष्ट होंगे तो कार्रवाई नहीं करेंगे। तब कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने निर्देश नहीं दिया है। Speaker से आग्रह किया है। आप एक दिन इंतज़ार क्यों नहीं कर सकते हैं ? तब सिब्बल ने कहा कि लेकिन court निर्देश कैसे जारी कर सकता है? तब court ने कहा कि यानि आपको आदेश में लिखे दो शब्दों we direct से दिक्कत है जबकि आदेश में जगह-जगह request (आग्रह) का इस्तेमाल किया है।
Speaker को निर्णय लेने से नहीं रोका जा सकता-सिब्बल
सिब्बल ने कहा कि स्पीकर का पद संवैधानिक है। Speaker को निर्णय लेने से नहीं रोका जा सकता है। विधायक जो भी कहना चाहते हैं उसे Speaker के सामने रखें। तब कोर्ट ने कहा कि कुछ मसले पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र से जुड़े होते हैं। सिब्बल ने कहा कि Speaker को तय करने दिया जाए कि विधानसभा के बाहर की गतिविधि के लिए इन विधायकों पर कार्रवाई हो सकती है या नहीं । सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा कि Speaker ने खुद दो बार हाईकोर्ट में फिलहाल कार्रवाई टालने पर सहमति दी है। SC ने सिब्बल से ऐसा फैसला दिखाने को कहा जिसमें party की बैठक में न आने के लिए अयोग्यता को सही ठहराया गया है। SC ने कहा कि मसले पर विस्तार से सुनवाई की ज़रूरत है। तब सिब्बल ने कहा कि तब तक हाईकोर्ट फैसला दे देगा। सरकार अस्थिर करने की कोशिश हो सकती है। आप इस केस को अपने पास transfer कर लें। सिब्बल ने कहा कि अगर आप विस्तार से सुनना चाहते हैं तो हाईकोर्ट में चल रही कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दीजिए। SC ने साल्वे और रोहतगी से जवाब मांगा। रोहतगी ने कहा कि हाईकोर्ट को फैसला देने दिया जाए।
Speaker ने खुद अपनी कार्रवाई रोकने पर सहमति दी-साल्वे
सचिन पायलट की ओर से हरीश साल्वे ने कहा कि हाईकोर्ट में 5 दिन बहस चली है। Speaker ने खुद अपनी कार्रवाई रोकने पर सहमति दी। अब हाईकोर्ट को order जारी करने से नहीं रोका जा सकता है। तब कोर्ट ने पूछा कि क्या हाईकोर्ट के आदेश को यहां चुनौती नहीं दी जा सकती है। तब साल्वे ने कहा कि बिल्कुल दी जा सकती है। यही तो हम कह रहे हैं। हाईकोर्ट को फैसला लेने दिया जाए। तब SC ने कहा कि हम हाईकोर्ट के आदेश जारी करने पर रोक नहीं लगा रहे है। लेकिन इस आदेश पर अमल हमारे फैसले पर निर्भर करेगा। इस मामले पर अगली सुनवाई 28 July को होगी।
पायलट ने भी केवियट याचिका दायर किया
इस मामले में राजस्थान कांग्रेस के बागी गुट के नेता सचिन पायलट ने भी केवियट याचिका दायर किया है। Speaker ने हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें कोर्ट ने 24 जुलाई तक सचिन पायलट और उनके खेमे के 18 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने की बात कही है। याचिका में कहा गया है कि होटो होलोहॉन मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार अयोग्यता के मामले में Speaker जबतक फैसला नहीं ले लेता, कोर्ट कोई दखल नहीं दे सकता है। याचिका में कहा गया है कि Speaker को कारण बताओ notice भेजने का अधिकार है। अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। Speaker की भूमिका की व्याख्या SC और संविधान ने की है।