नई दिल्ली। ईडी केस में पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक 28 अगस्त तक जारी रहेगी। बुधवार की दोपहर दो बजे से इस मामले पर फिर सुनवाई होगी।चिदंबरम की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल ने अपनी दलीलें पूरी की हैं। कल यानी 28 अगस्त को ईडी की ओर से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता अपना पक्ष रखेंगे।
मंगलवार को चिदंबरम ने कोर्ट में अर्जी दायर कर मांग की कि ईडी ने क्या सवाल पूछे हैं, जिसका जवाब चिदंबरम ने नहीं दिया था, इसकी सूची दी जाए। चिदंबरम की यह अर्जी इस आरोप पर लगाई गई है, जिसमें ईडी ने आरोप लगाया है कि चिदंबरम सवालों का जवाब देने से बचते हैं।
चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चिदंबरम के खिलाफ जिस मनी लाउंड्रिंग कानून के उल्लंघन का आरोप है। वह कानून जून 2009 में आया था। जबकि चिदंबरम के खिलाफ अपराध का आरोप 2007 का है। जब कानून 2009 में आया तब 2007 में घटित हुई अपराध को उस कानून के तहत कैसे शामिल किया जा सकता है।
चिदंबरम जांच या सवालों से बच रहे हैं
सिंघवी ने कहा कि हाई कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की बातों को पूरी तरह मान लिया। अपने आदेश में इस दावे को आधार बनाया कि चिदंबरम जांच या सवालों से बच रहे हैं। जबकि वो उपलब्ध थे। आगे भी रहेंगे, लेकिन क्या ज़रूरी है कि वही बोलें जो सीबीआई और ईडी सुनना चाहती है?
सिंघवी के बाद चिदंबरम को ईडी की गिरफ्तारी से बचाने के लिए सिंघवी की दलीलें पूरी होने के बाद कपिल सिब्बल ने चिदंबरम से हुई पूछताछ का ब्यौरा कोर्ट में पेश किए जाने की मांग की।
सिब्बल ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का आधार था कि मैं जांच में सहयोग नहीं कर रहा हूं और कानून से भाग सकता हूं। लेकिन चिंदबरम तो हमेशा पूछताछ के लिए हाजिर होते रहे हैं, जब उन्हें बुलाया जाता है। अगर सीबीआई के मन मुताबिक वो जवाब नहीं दे रहे हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि वो जांच से बच रहे हैं।