नई दिल्ली। PM नरेंद्र मोदी ने बुधवार को India Idea Summit को संबोधित किया। उन्होंने दुनिया को डिफेंस, Civil एविएशन समेत 7 क्षेत्रों में निवेश का मौका देते हुए कहा कि भारत अपार संभावनाओं का देश बनकर उभर रहा है। खुशहाल और मजबूत दुनिया के लिए अपना योगदान कर रहा है। भारत ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया है। इसके लिए हम आपकी भागीदारी का इंतजार कर रहे हैं। पिछले 6 सालों में हमने अपनी अर्थव्यवस्था में और ज्यादा खुलापन लाने के लिए कोशिशें की हैं।
US-India बिजनेस काउंसिल (US-IBC) की ओर से आयोजित समिट में PM मोदी बोले कि हमने अर्थव्यवस्था में सुधार किए हैं। सुधारों से यह निश्चित किया है कि प्रतिस्पर्धा, पारदर्शिता, डिजिटलाइजेशन, इनोवेशन को बढ़ावा मिले और नीतियां पहले से ज्यादा टिकाऊ हों।
US-India Business Councile Summit में मोदी के भाषण की मुख्य बातें
वैश्विक आर्थिक लचीलापन हासिल करने के लिए हमें मजबूत घरेलू क्षमताएं विकसित करनी होंगी। इसका मतलब है कि मैन्युफैक्चरिंग और फाइनेंशियल सिस्टम को सही करने के लिए कोशिशें घरेलू स्तर पर जरूरी हैं। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भी विभिन्नता लानी होगी।
भारत अवसरों की भूमि के तौर पर उभर रहा है। उदाहरण देता हूं। हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई। इसमें कहा गया कि भारत में पहली बार शहरी इलाकों से ज्यादा ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट यूजर हैं। आज पूरी दुनिया भारत को लेकर सकारात्मक है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि भारत खुलेपन, अवसरों और तकनीक का सबसे बेहतर कॉम्बिनेशन दे रहा है।
भारत आपको हेल्थकेयर में इनवेस्टमेंट के लिए न्योता दे रहा है। भारत का हेल्थकेयर सेक्टर सालाना 22% से ज्यादा की दर से बढ़ रहा है। हमारी कंपनियां मेडिकल टेक्नोलॉजी, टेलीमेडिसिन और डाइग्नोस्टिक के प्रोडक्शन में तरक्की कर रही हैं।
हमारा मार्केट खुला हुआ है। जब संभावनाएं ज्यादा हों और विकल्प बहुत सारे तो आशाएं बहुत आगे जा सकती हैं। आप इन आशाओं को तब देख सकते हैं, जब दुनिया की अहम रेटिंग्स में भारत ऊपर आता है। खासतौर पर वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रेटिंग में। भारत में हर साल हम पिछले साल से ज्यादा विदेशी निवेश देख रहे हैं।
2019-20 में भारत में 74 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश हुआ। यह पिछले साल से 20% ज्यादा था। इस साल अप्रैल से जुलाई के बीच भारत में 20 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश हो चुका है। हम सभी मानते हैं कि दुनिया को बेहतर भविष्य की जरूरत है। हम सभी को मिलकर भविष्य को अंजाम देना है। हमारे एजेंडा में गरीब और जरूरतमंद केंद्र में होना चाहिए।
सिविल एविएशन भी एक क्षेत्र है, जहां विकास की अपार संभावनाएं हैं। भारत में हवाई यात्रियों की संख्या अगले 8 साल में दोगुनी होने की उम्मीद है। भारत की टॉप इंडियन एयरलाइंस हजारों नए एयरक्राफ्ट खरीदने की तैयारी आने वाले दशक में कर रही हैं।
डिफेंस और स्पेस के क्षेत्र में निवेश के लिए भी हम आपको आमंत्रित करते हैं। हमने defence सेक्टर में FDI बढ़ाकर 74% कर दी है। भारत ने डिफेंस इक्विपमेंट के प्रोडक्शन के लिए दो डिफेंस कॉरिडोर बनाए हैं।
हम आपको फाइनेंस और इंश्योरेंस के क्षेत्र में निवेश के लिए न्योता देते हैं। भारत ने इंश्योरेंस में FDI की सीमा 49% कर दी गई है। इंश्योरेंस इंटरमीडियरीज में अब FDI की सीमा 100 फीसदी कर दी गई है। क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में भी संभावनाएं हैं। अपने निवेश के लिए पावर जनरेशन के लिए भारत के पावर सेक्टर में आने का ये सबसे बेहतर वक्त है।
भारत-अमेरिका में दुनिया को आकार देने की क्षमता : विदेश मंत्री
इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने Summit को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका को दुनिया में बहुपक्षीय व्यवस्था के साथ काम करना सीखना होगा। पिछली दो जनरेशन में वह जिनके साथ आगे बढ़ा है, उनसे हटकर अब अमेरिका को सोचना होगा।
उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका एक साथ काम कर के दुनिया को आकार देने की क्षमता रखते हैं। हम समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी, connectivity, corona, जलवायु परिवर्तन पर साथ काम कर रहे हैं। मुझे लगता है कि जरूरी ये है कि हम कैसे द्विपक्षीय एजेंडों को मजबूत कर बड़े एजेंडे में बदलते हैं।