- रक्षामंत्री और प्रधानमंत्री ने सैनिकों को दी श्रद्धांजलि
- लोकसभा में दी गई कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि
श्रीनगर/नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस की 20वीं वर्षगांठ पर श्रीनगर के चिनार कोर (15 कोर) युद्ध स्मारक पर 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों और अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने इस मौके पर कहा कि भारत अपने सशस्त्र बलों के उन योद्धाओं का कृतज्ञ रहेगा जिन्होंने कारगिल युद्ध में भाग लिया और अविश्वसनीय वीरता का परिचय देते हुए हमारी संप्रभुता की रक्षा की। राष्ट्रपति की श्रीनगर और घाटी की यह पहली यात्रा है। जम्मू और कश्मीर की पूर्व की यात्रा के दौरान उन्होंने लद्दाख और जम्मू क्षेत्रों का दौरा किया था। राष्ट्रपति शुक्रवार की सुबह द्रास में कारगिल वार मेमोरियल का दौरा करने वाले थे, लेकिन मौसम खऱाब होने के कारण यात्रा को रद्द कर दिया गया। श्रीनगर से द्रास तक की हवाई यात्रा के लिए परिस्थितियां उपयुक्त नहीं थीं।
लोकसभा में शुक्रवार को कारगिल युद्ध में अपने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए मातृभूमि पर प्राण न्यौछावर करने वाले वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में कहा कि आज के ही दिन कारगिल पर विजय पताका फहराया गया था। युद्ध के दौरान हमारे जवानों ने जिस वीरता और शौर्य का परिचय दिया था वह बेमिसाल है। उन्होंने मातृभूमि की सेवा में अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले जवानों को सदन की ओर से श्रद्धा सुमन अर्पित किया। कारगिल से पाकिस्तानी सेना को खदेडऩे में मिली सफलता और भारतीय जवानों के सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए आज के दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि देश के जवानों ने जिस वीरता और अदम्य साहस का परिचय दिया है वह अनुकरणीय है। उन्होंने कारगिल विजय दिवस के बीस साल पूरे हो चुके हैं इसलिए उन जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए सदन में चर्चा कराए जाने पर जोर दिया।वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मौके पर बहादुर सैनिकों को नमन करते हुए युद्ध के दौरान की अपनी यात्रा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं। तस्वीरों में वह सैनिकों के साथ दिखाई दे रहे हैं। उस समय वह जम्मू और कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए काम कर रहे थे। मोदी ने ट्वीट संदेश संदेश में लिखा, 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान, मुझे कारगिल जाने और अपने बहादुर सैनिकों के साथ एकजुटता दिखाने का अवसर मिला। यह वह समय था जब मैं जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में अपनी पार्टी के लिए काम कर रहा था। उन्होंने कहा कि कारगिल की यात्रा और सैनिकों के साथ बातचीत अविस्मरणीय है। पीएम मोदी ने एक अन्य संदेश में लिखा, कारगिल विजय दिवस पर मां भारती के सभी वीर सपूतों का मैं हृदय से वंदन करता हूं। यह दिवस हमें अपने सैनिकों के साहस, शौर्य और समर्पण की याद दिलाता है। इस अवसर पर उन पराक्रमी योद्धाओं को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। जय हिंद!