हैदराबाद। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उनके बेटे नारा लोकेश को नजरबंद किया गया है। तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के कार्यकर्ताओं के साथ वो आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
धारा-144 लगाते हुए सभी को किया गया नजरबंद
दरअसल तेलुगु देशम पार्टी के कई नेताओं और समर्थकों के साथ चंद्रबाबू नायडू और उनके बेटे नारा लोकेश सरकार के विरोध में अपने आवास पर सुबह आठ बजे से भूख हड़ताल पर बैठे थे। जिसमें शामिल होने के लिए अन्य जगहों से काफी संख्या में कार्यकर्ता वहां इकट्ठा हो रहे थे। ऐसे में पुलिस प्रशासन ने अटमाकुर समेत संवेदनशील इलाकों में धारा-144 लगाते हुए सभी को नजरबंद कर दिया।
ये नेता हिरासत में
उधर, चंद्रबाबू नायडू के आवास पर जाने की कोशिश में लगे अन्य तेदेपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को पुलिस ने शहर के विभिन्न हिस्सों में रोकते हुए उन्हें हिरासत में लिया है। दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री की भूख हड़ताल के समर्थन में विजयवाड़ा में प्रदर्शन कर रहीं पूर्व मंत्री और तेदेपा नेता भूमा अखिला प्रिया को नोवोटेल होटल में पुलिस ने प्रतिबंधात्मक हिरासत में ले लिया है।
‘लोकतंत्र की हत्या’
लोकेश ने पूरे घटनाक्रम को तानाशाही बताया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उन लोगों को गैरलोकतांत्रिक तरीके से रोका गया है। उन्होंने कहा, ‘टीडीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। वाईएसआरसीपी विधायकों ने हमे खुलेआम धमकाया है, उनका कहना है कि पुलिस उनके साथ है।’ उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल उनकी पार्टी को राज्य में खत्म करने की कोशिश कर रहा है। लोकेश ने कहा, ‘हम लोकतांत्रिक तरीकों से अपना काम करेंगे लेकिन हमारे नेतृत्व को नजरबंद कर दिया गया। यह लोकतंत्र की हत्या है।
चंद्रबाबू ने एक दिवसीय भूख हड़ताल की अपील की थी
चंद्रबाबू ने जगन रेड्डी पर राजनीतिक हिंसा करने का आरोप लगाते हुए विरोध जताया था। उन्होंने अपने समर्थकों से बुधवार को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक विरोध के लिए अपने-अपने क्षेत्र में भूख हड़ताल पर बैठने की अपील की थी। साथ ही तेदेपा ने ‘चलो अटमाकुर’ नारा भी दिया था। चंद्रबाबू ने जगन की पार्टी पर तेदेपा समर्थकों की हत्या का भी आरोप लगाया है।
तेदेपा ने आठ कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप लगाया
तेदेपा ने कहा कि उनके कार्यकर्ताओं को धमकियां मिल रही हैं। पार्टी ने दावा किया कि पिछले तीन महीनों में आठ कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। इनमें ज्यादातर गुंटुर जिले के अटमाकुर और पलनाडू क्षेत्र के थे। इसके विरोध में चंद्रबाबू ने तेदेपा समर्थकों से बुधवार को गुंटुर से पलनाडू के अटमाकुर गांव तक रैली करने की अपील की थी।