विदेश से PM मोदी ने श्रृद्धांजलि देते हुए बोले , आज मेरा दोस्त अरुण चला गया

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बहरीन। बहरीन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने अरुण जेटली के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, मैं कल्पना नहीं कर सकता हूं कि मैं इतना दूर यहां बैठा हूं और मेरा दोस्त अरुण चला गया। इसी महीने कुछ दिन पहले हमारी पूर्व विदेश मंत्री बहन सुषमा स्वराज चली गईं और आज मेरा दोस्त अरुण चला गया।

पीएम बोले- मैं बहरीन की धरती से भाई अरुण को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को बहरीन पहुंचे और वहां के नेशनल स्टेडियम में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। बहरीन में अपने संबोधन के आखिरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुंधे हुए गले से अरुण जेटली को याद किया। उन्होंने कहा, ‘मैं गहरा दर्द दबाए हुए बैठा हूं। आज मेरा दोस्त अरुण चला गया।’

पीएम मोदी ने कहा कि जब सभी कृष्ण जन्मोत्सव मना रहे हैं, उस समय मेरे भीतर एक शोक है। मैं गहरा दर्द दबाए हुए बैठा हूं। छात्र जीवन से जिस दोस्त के साथ सार्वजनिक जीवन का एक के बाद एक कदम मिलाकर चला। राजनीति की यात्रा साथ-साथ शुरू की। एक-दूसरे के साथ जुड़े रहना और साथ मिलकर जूझते रहना। सपनों को सजाना और सपनों को निभाना ऐसा लंबा सफर जिस दोस्त के साथ पूरा किया, वो दोस्त अरुण जेटली ने आज ही अपना देह छोड़ दिया।’

अरुण जेटली के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं कल्पना नहीं कर सकता हूं कि मैं इतना दूर यहां बैठा हूं और मेरा दोस्त अरुण चला गया। इसी महीने कुछ दिन पहले हमारी पूर्व विदेश मंत्री बहन सुषमा स्वराज चली गईं और आज मेरा दोस्त अरुण चला गया। मेरे लिए बड़ी दुविधा का पल है। मैं एक तरफ कर्तव्य भाव से बंधा हुआ हूं और दूसरी तरफ दोस्ती का एक सिलसिला भावनाओं से भरा हुआ है। मैं बहरीन की धरती से भाई अरुण जेटली को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनको नमन करता हूं। साथ ही इस दुख की घड़ी में ईश्वर उनके परिवार को शक्ति दे, ऐसी प्रार्थना करता हूं।’

इससे पहले पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, ‘बहरीन की मेरी ये यात्रा भले ही सरकार के मुखिया के नाते, प्रधानमंत्री के तौर पर है, लेकिन मेरा मकसद यहां बसे भारतीयों से मिलना और बहरीन के लाखों दोस्तों से संवाद करने का भी है। आज जन्माष्टमी का पवित्र पर्व है। मुझे बताया गया है कि गल्फ क्षेत्र में जन्माष्टमी पर कृष्ण कथा सुनाने की परम्परा आज भी है। कल मैं श्रीनाथ जी के मंदिर जा कर आप सबकी और आपके मेज़बान देश की समृद्धि और शान्ति के लिए प्रार्थना करूंगा।’

उन्होंने कहा, ‘मुझे जानकारी है कि किस प्रकार श्रद्धा और उल्लास के साथ आपने और भारत से आये भक्तों ने यह अवसर मनाया। यह भी ख़ुशी की बात है कि कल इस मंदिर के पुनर्विकास का काम भी औपचारिक रूप से शुरू किया जाएगा। जब भी मैं यहां की सरकार के भारतीय साथियों, यहां के बिजनेस से जुड़े साथियों से, यहां पर बसे, यहां काम करने वाले साथियों की प्रशंसा सुनता हूं तो हृदय प्रसन्नता से भर जाता है।’

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