नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद मामले की सुनवाई का सीधा प्रसारण करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस आरएफ नरीमन ने कहा कि ये मामला काफी संवेदनशील है, इसकी सुनवाई का सीधा प्रसारण कैसे किया जा सकता है? बेहतर है कि आप अपनी इस मांग को अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही बेंच के सामने रखें।
याचिकाकर्ता भाजपा के पूर्व नेता केएन गोविंदाचार्य की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि चीफ जस्टिस के आदेश से ही तो ये याचिका आपके पास लिस्टेड हुई है। तब जस्टिस नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले को चीफ जस्टिस की बेंच को सुनवाई के लिए भेजा। अब इस याचिका पर अगली सुनवाई 11 सितम्बर को होगी।
याचिका में कही गई ये बात
याचिका में कहा गया है कि यह विषय लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है। संविधान की धारा-19(1)(ए) के तहत लोगों को जानने का अधिकार है कि अयोध्या विवाद की सुनवाई में क्या हो रहा है? सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले पर छह अगस्त से रोजाना सुनवाई कर रहा है।
पिछले दो अगस्त को इस मामले पर मध्यस्थता प्रक्रिया असफल होने पर सुप्रीम कोर्ट ने छह अगस्त से इस मामले पर रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त मध्यस्थता कमेटी ने पिछले एक अगस्त को अपनी फाइनल रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी।
अयोध्या मामले की सुनवाई रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज
नई दिल्ली। अयोध्या मामले की सुनवाई को रद्द करने और पक्षकारों पर जुर्माना लगाए जाने की मांग करने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने हैरानी जताते हुए पूछा कि ये कैसी याचिका है, आपको पता भी है कि आप क्या मांग कर रहे हैं? याचिका वकील देबाशीष मिश्रा ने दायर की थी। याचिका में ये भी मांग की गई थी कि अपीलकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज किया जाए। उल्लेखनीय है कि अयोध्या मामले पर पांच जजों की संविधान बेंच पिछले छह अगस्त से सुनवाई कर रही है। इस सुनवाई में हिन्दू पक्ष की दलीलें खत्म हो गई हैं। मुस्लिम पक्ष की ओर से दलीलें जारी हैं।