नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया डील मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को गुरुवार देर शाम तिहाड़ जेल में लाया गया। गुरुवार को सीबीआई की राउस एवेन्यू कोर्ट ने 19 सितंबर तक के लिए उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया है। उन्होंने जमानत की अर्जी दी थी, लेकिन खारिज कर दी गई। न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बारे में चिदंबरम से पूछा गया तो उन्होंने कहा- मुझे केवल इकोनॉमी की चिंता है।
राउस एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने सरेंडर करने के लिए तैयार हैं। वे ईडी के सामने सरेंडर करेंगे और ईडी उन्हें हिरासत में ले लेगा। चिदंबरम ने भी कहा कि मेरे खिलाफ कुछ नहीं मिला। जब मैं ईडी के सामने सरेंडर को तैयार हूं तो मुझे जेल क्यों जाना चाहिए? इस पर सीबीआई की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हमारी दलील मानी है कि चिदंबरम सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।
विशेष जज अजय कुमार कुहार ने चिदंबरम को तिहाड़ भेजने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि चूंकि पूर्व वित्त मंत्री को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, इसलिए उन्हें तिहाड़ जेल में एक अलग सेल में रखा जाए। उन्हें अपने साथ दवाएं ले जाने की इजाजत रहेगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी आश्वासन दिया कि जेल में चिदंबरम को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।
इससे पहले चिदंबरम ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जुड़े मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत नहीं मिलने को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। गुरुवार को शीर्ष अदालत ने अर्जी खारिज करते हुए कहा कि मनी ट्रेल को उजागर करना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट भी भी ईडी के उस दावे से सहमत थी कि आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ जरूरी है। जमानत देने से जांच पर असर पड़ सकता है।
सीबीआई की ओर से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया जाना चाहिए। वे ताकतवर इंसान हैं, इसलिए उन्हें खुला नहीं छोड़ना चाहिए। इस पर चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हमने सबूतों से छेड़छाड़ की, इसका कोई सबूत नहीं है।