भोपाल/लखनऊ। MP के Governer और लखनऊ के पूर्व सांसद लालजी टंडन की हालत में 40 दिन बाद भी कोई सुधार नहीं आया है। उन्हें 11 june को लखनऊ के मेदांता hospital में admit किया गया था। सोमवार की शाम hospital द्वारा जारी बुलेटिन में बताया गया कि, लालजी टंडन की हालत critical है। वे अभी वेंटिलेटर की सपोर्ट पर हैं। एक्सपर्ट टीम उनके बेहतर इलाज के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। रविवार को पश्चिम बंगाल के governer जगदीप धनकड़ मेदांता hospital पहुंचकर टंडन के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी।
सांस लेने में हो रही थी problem
लालजी टंडन को june के शुरूआती दिनों में पेशाब में दिक्कत, सांस लेने में परेशानी और हलके बुखार के बाद मेदान्ता हॉस्पिटल में 11 june को admit कराया गया था। उनका corona test भी negative था, जबकि 14 जून को उनका emergency operation किया गया था। मेदांता hospital के director डॉ. राकेश कपूर ने बताया कि test के दौरान governer के liver में problem पाए जाने पर CT गाइडेड प्रोसीजर किया गया था। प्रोसीजर के बाद पेट में रक्त स्राव बढ़ गया था जिसके बाद उनका operation करना पड़ा था। operation के बाद उन्हें ICU में रखा गया था।
आनंदी पटेल को मिला था MP का अतिरिक्त भार
लालजी जी टंडन की हालत में सुधार न होता देख केंद्र सरकार ने UP की राज्यपाल आनंदी बाई पटेल को MP का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा था। आपको बता दे कि लालजी टंडन 10 दिनों की छुट्टी पर लखनऊ आए हुए थे। यहीं उनकी तबियत खराब हुई।
12 साल की उम्र में जुड़ गए थे संघ से
लालजी टंडन 12 साल की उम्र से ही संघ की शाखाओं में जाया करते थे। संघ से जुडाव के चलते ही उनकी मुलाकात अटल बिहारी बाजपेयी से हुई थी। बाद में जब अटल ने लखनऊ की सीट छोड़ी तो बतौर विरासत लालजी टंडन को यह सीट सौंपी गयी। 2009 में लालजी टंडन ने लोकसभा का चुनाव जीता और लखनऊ के सांसद बने।
1960 से शुरू हुआ लालजी टंडन का राजनितिक सफर
1960 से लालजी टंडन का राजनैतिक सफर शुरू हुआ था। लालजी टंडन 2 बार पार्षद और 2 बार विधान परिषद के सदस्य रहे। इसके बाद लगातार वह 3 बार विधायक भी रहे हैं। लालजी टंडन कल्याण सिंह सरकार में मंत्री भी रहे हैं। साथ ही UP विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं।