शारदीय नवरात्र रविवार से, सूर्योदय से मध्याह्न तक कलश स्थापना के मुहूर्त

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लखनऊ (छविनाथ यादव)। शक्ति की अधिष्ठात्री मां दुर्गा की आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्र रविवार को प्रारम्भ हो रहा है। इस बार के नवरात्र की सभी तिथियां पूर्ण हैं। यानि पूरे नौ दिन तक माता रानी की कृपा बरसेगी। कलश स्थापना का मुहूर्त सूर्योदय से मध्याह्न 12 बजे तक है। शारदीय नवरात्र के पर्व को लेकर प्रदेश भर में उत्सव का माहौल है। लोग घरों और मंदिरों में कलश स्थापना की तैयारियों में आज दिन भर जुटे रहे। मिर्जापुर स्थित विंध्यवासिनी धाम समेत प्रदेश भर के सभी देवी मंदिरों में नवरात्र की तैयारियां रविवार शाम तक पूरी कर ली गयीं। शासन की तरफ से देवी मंदिरों के आस पास सुरक्षा के व्यापक प्रबंध के निर्देश दिये गये हैं। विद्युत विभाग द्वारा नवरात्र के अवसर पर मंदिरों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के निर्देश जारी किये गये हैं।
गौरतलब है कि शारदीय नवरात्र आश्विन मास के शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ होकर नवमी तिथि तक चलता है। इस बार नवरात्र का आरंभ 29 सितम्बर से हो रहा है जो सात अक्टूबर तक चलेगा। छह अक्टूबर को सूर्योदय व्यापिनी अष्टमी में महाअष्टमी का व्रत होगा। सात को अक्टूबर को महानवमी व्रत व हवनादि किया जाएगा। आठ अक्टूबर को विजय दशमी का पर्व है। इसी के साथ दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन होगा। नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरुप शैलपुत्री की पूजा होगी।
ज्योतिषाचार्य डा0 ओम प्रकाश के अनुसार इस बार के नवरात्र में सभी तिथियां पूर्ण हैं। यानि नवरात्र नौ दिन के होंगे। उन्होंने बताया कि इस शारदीय नवरात्र में सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्ध और रवि योग बन रहा है। ऐसे में मां दुर्गा की कृपा पूरे नौ दिन तक बरसेगी। उन्होंने कहा िकइस योग में साधक के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।
डॉ. ओम प्रकाश ने बताया कि इस नवरात्र में माता रानी का आगमन हाथी पर हो रहा है और गमन भैंसा पर होगा। उन्होंने बताया कि आगमन का फल अत्यधिक वर्षा से होगा जबकि गमन रोग इत्यादि कष्ट देगा।
कलश स्थापन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार के शारदीय नवरात्र में रविवार के दिन प्रात: छह बजे से सुबह करीब दस बजे तक कलश स्थापना के लिए बहुत ही शुभ है। हालांकि इसके बाद मध्याह्न 12 बजे तक भी कलश स्थापन किया जा सकता है।

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