परदेसी भइया…रुकी जाओ वहीं जहां देस…मालिनी अवस्थी की सुरीली अपील

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लखनऊ(छविनाथ)। भीड़ भरी तस्वीरों ने सभी को विचलित किया। हर किसी को डर लगा कि कहीं ये हुजूम कोरोना के खिलाफ जंग में हमें कमजोर न कर दे। रोटी कमाने की मजबूरी ने इन्हें घर से दूर किया। अब अदृश्य दुश्मन और जिंदगी की जंग के बीच ये किसी भी तरह अपनों के पास पहुंचना चाहते हैं, बिना इसका ख्याल किए कि उनका ये सफर कितना खौफनाक हो सकता है। ऐसे में जब सरकार-प्रशासन हर कोई भीड़ को समझाने में लगा है, तो शहर की लोक गायिका पद्म श्री मालिनी अवस्थी ने भी सुरीली अपील की है। वो अपने सभी मजदूर और मजबूर भाइयों से कह रही हैं।

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