देशवासी स्वच्छता की तरह जल संरक्षण को भी बनाएं जनआंदोलन:मोदी

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लखनऊ (छविनाथ)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के बाद ”मन की बात” के प्रथम संस्करण में जनमानस से जुड़कर राष्ट्रीय और सामाजिक सरोकारों से जोड़ा। प्रधानमंत्री ने जल संकट से निपटने के लिए लोगों से वर्षा जल के संरक्षण को लेकर अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि देशवासी स्वच्छता की तरह जल संरक्षण को भी जनआंदोलन बनाएं। मोदी ने कहा कि एक लम्बे अंतराल के बाद, फिर से एक बार, आप सबके बीच, मन की बातÓ का सिलसिला प्रारम्भ कर रहा हूॅं। तीन-चार महीने का वक्त काफी कठिन था। एक बार तो मन कर रहा था कि चुनाव समाप्त होते ही आपसे बात करूं, इस रविवार ने काफी इंतजार कराया।
मोदी ने कहा कि पानी की कमी से देश के कई हिस्से सालभर प्रभावित रहते हैं। बारिश से जो पानी हमें मिलता है, अभी उसका 8 प्रतिशत ही बचाया जाता है। हम जनशक्ति से इस संकट का समाधान कर लेंगे। जल की महत्ता को सर्वोपरि रखते हुए देश में नया जलशक्ति मंत्रालय बनाया गया है। मैंने पानी के संचय के लिए ग्राम प्रधानों को पत्र भी लिखा है। मोदी ने सभी नागरिकों से अनुरोध करते हुए कहा कि जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को आंदोलन बना दिया वैसे ही जल संरक्षण को आंदोलन बना दें। पानी की एक-एक बूंद बचाने के लिए मेहनत करें। जल संरक्षण के लिए सदियों से पारंपरिक तरीके अपनाए जा रहे हैं इन्हें प्रयोग में लाएं और अपने आसपास लोगों के साथ साझा करें। ऐसा एक प्रयोग पोरबंदर के कीर्ति मंदिर में है। वहां 200 साल पुराने टांके में आज भी पानी है और बरसात के पानी को रोकने की व्यवस्था है। जल संरक्षण के लिए काम करने वाले लोगों से जो जानकारी मिले, उसे हैशटैग जनशक्ति-जलशक्ति के साथ साझा करें। ताकि उसका एक डाटाबेस बनाया जा सके। मोदी ने कहा कि ”कई सारे संदेश पिछले कुछ महीनों में आए हैं, जिसमें लोगों ने कहा कि वो ‘मन की बातÓ को मिस कर रहे हैं। जब मैं पढता हूं, सुनता हूं मुझे अच्छा लगता है। मैं अपनापन महसूस करता हूं। मुझसे कई लोगों ने पूछा कि आप बीच में केदारनाथ क्यों चले गए? चुनाव की आपाधापी में मैं चल पड़ा। कई लोगों ने इसके राजनीतिक अर्थ निकाले। लेकिन मैं तब खुद से मिलने चला गया था। मन की बात के कारण जो खालीपन था, उसे केदारनाथ की खाली गुफा ने भरने का मौका दिया”।
उन्होंने कहा कि जब देश में आपातकाल लगा तो जन-जन के दिलों में एक आक्रोश था। लोकतंत्र के अधिकारों का क्या मजा है वो तब पता चलता है जब कोई इन्हें छीन लेता है। आपातकाल में देश के हर नागरिक को लगने लगा था कि उसका कुछ छीन लिया गया है। इस चुनाव में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए 61 करोड़ से ज्यादा लोगों ने वोट दिया। चीन को छोड़ दें तो भारत में दुनिया के किसी भी देश की आबादी से ज्यादा लोगों ने मतदान किया। अद्र्धसैनिक बलों के करीब 3 लाख सुरक्षाकर्मियों और राज्यों के 20 लाख पुलिसकर्मियों ने परिश्रम किया। अरुणाचल प्रदेश के एक इलाके में एक महिला मतदाता के लिए पोलिंग स्टेशन बनाया गया। चुनाव आयोग के अधिकारियों को वहां पहुंचने के लिए दो दिन तक यात्रा करनी पड़ी। चुनाव आयोग को बधाई देता हूं और भारत के जागरूक मतदाताओं को नमन करता हूं।
मोदी ने कहा, मन की बात कार्यक्रम बताता है कि देश की तरक्की में 130 करोड़ देशवासी मजबूती और सक्रियता से जुडऩा चाहते हैं। मुझे इतनी चिियां आती हैं लेकिन शिकायतें काफी कम होती हैं और खुद के लिए मांगने का मामला तो न के बराबर होता हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, देश के प्रधानमंत्री को कोई चिी लिखे, लेकिन खुद के लिए कुछ मांगे नहीं, इस देश के करोड़ों लोगों की भावना कितनी ऊंची होगी।
मोदी ने कहा कि कई लोगों ने मुझसे कहा था जब मैंने पिछले संस्करण में कहा था कि हम तीन-चार महीने के बाद मिलेंगे, तो लोगों ने उसके भी राजनीतिक अर्थ निकाले थे और लोगों ने कहा कि अरे! मोदी जी का कितना कॉन्फिडेंस है, उनको भरोसा है। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि यह मेरा विश्वास था, जो आपके विश्वास का आधार था। असल में मैं नहीं आया हूं। आप मुझे लाए हैं। आपने ही मुझे बिठाया है और आपने ही मुझे एक बार फिर बोलने का अवसर दिया है।
बूथ स्तर पर मोदी के मन की बात सुनने के लिए प्रदेश के पदाधिकारी, प्रदेश सरकार के मंत्री, क्षेत्रीय, जिला, मण्डल व बूथ के भाजपा पदाधिकारियों के साथ आमजन उपस्थित और मन की बात से प्रेरणा ली। प्रदेश सरकार के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह लखनऊ, प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर वाराणसी, प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर जौनपुर, गोबिन्द नारायण शुक्ला ने बाराबंकी में कार्यकर्ताओं के साथ मन की बात सुनी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात सुनने के लिए भाजपा प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक, प्रदेश मंत्री अनूप गुप्ता, प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला, हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, जुगुल किशोर, प्रदेश मीडिया सहप्रभारी हिमांशु दुबे, प्रदेश मुख्यालय सहप्रभारी चैधरी लक्ष्मण सिंह, अतुल अवस्थी, सत्यप्रकाश, शिव भूषण सिंह, राजकुमार आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। लैकफेड चेयरमैन वीरेन्द्र तिवारी नैमिषारण्य में उपस्थित रहे।

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