नई दिल्ली। मोदी सरकार को अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर दोहरा झटका लगा है। मई में एक तरफ जहां औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार नरम पड़ गई वहीं, जून में खुदरा महंगाई दर में उछाल आया है।
मध्यावधि लक्ष्य चार फीसदी के नीचे
सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक कंज्यूम प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) आधारित महंगाई दर जून में 3.18 फीसदी रही, जबकि मई में यह 3.5 फीसदी पर थी। बता दें कि खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ने की वजह से खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी हुई है जो कि आठ महीने की उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
हालांकि यह दर अभी भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के मध्यावधि लक्ष्य चार फीसदी के नीचे है। औद्योगिक उत्पादन दर (आईआईपी) ग्रोथ रेट 3.1 फीसदी रही जो कि अप्रैल महीने में 3.4 फीसदी थी।
माइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग ने दिया झटका
सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक मई महीने में औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार (आईआईपी) को माइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग ने झटका दिया है। यदि हम प्राप्त आंकड़ों के अनुसार मई महीने में आईआईपी ग्रोथ की बात करें तो पावर जेनरेशन सेक्टर में यह 7.4 फीसदी रहा, जो कि एक साल की समान अवधि में 4.2 फीसदी था। खनन के क्षेत्र में ग्रोथ मई में 3.2 फीसदी रही, जो कि पिछले वित्तड वर्ष की समान अवधि में 5.8 फीसदी थी। हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग सेक्ट.र में मई महीने में थोड़ी सुस्तीं रही, जहां 2.5 फीसदी के हिसाब से ग्रोथ हुई है। वहीं, इस सेक्टटर में एक साल पहले की समान अवधि में 3.6 फीसदी की ग्रोथ थी।