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मां और बेटी के सम्मान की लड़ाई लड़ने वाली, बसपा विरोधी स्वाति सिंह बनी BJP महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष

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लखनऊ: गाली कांड में बीएसपी सुप्रीमो मायावती को चुनाव लड़ने की खुली चुनौती देने वाली स्वाति सिंह को बीजेपी ने उत्तर प्रदेश महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. आपको बता दें कि स्वाति सिंह मायावती को गाली देने वाले यूपी बीजेपी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की पत्नी हैं.

स्वाति सिंह उस समय सुर्खियों में आई थीं जब उन्होंने बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी और कहा था कि मायावती यूपी में किसी भी सामान्य सीट से चुनाव लड़ें, वो खुद उनके खिलाफ चुनाव लड़ेगी.

मां और बेटी के सम्मान की लड़ाई

मायावती के खिलाफ विवादित बयान देकर चर्चा में रहे दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने कहा था कि चुनाव लड़ने से ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दा मां और बेटी के सम्मान की लड़ाई है. चुनाव अगले साल होंगे, इसलिए हर कोई यही सवाल पूछ रहा है कि चुनाव की बात से मेरी लड़ाई कमजोर होगी. इसलिए इस बारे में कोई बात नहीं करें.

उन्होंने कहा कि वह एक बार मायावती से सबके सामने बैठकर कुछ सवाल करना चाहती हैं. वह स्वयं को बहन जी और देवी बोलती हैं. मैं उसी देवी से पूछना चाहती हूं कि आखिर जिस देश में बच्चियों को देवी मानकर पूजा जाता है. उसका अपमान करने का अधिकार उन्हें किसने दिया.

समाज के लोग किसके साथ हैं?

चुनाव भी सिर्फ उनके खिलाफ इसलिए लड़ूंगी, जिससे पता चल सके कि समाज के लोग किसके साथ हैं. उस देवी के, जिसने दूसरी देवी का अपमान किया या फिर मां-बेटी के सम्मान की लड़ाई लड़ रही महिला का समर्थन करेंगे.

आपको बता दें कि स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह ने मायावती को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके जवाब में बीएसपी के लोगों ने दयाशंकर की पत्नी और बेटी के लिए भी वैसी ही भाषा का प्रयोग कर बदला लिया था. उसके बाद स्वाति ने भी बीएसपी नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.

बीएसपी के खिलाफ खोल दिया मोर्चा

हालांकि मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर बीजेपी ने अपने प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था और उन्हें जेल तभी जाना पड़ा था लेकिन इसके बाद दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने गाली कांड में बीएसपी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया और सुर्खियों में छाई रही थीं.

आपको बता दें कि यूपी में 2017 में होने वाले चुनाव को लेकर कोई भी राजनीतिक दल किसी भी तरह का मौका नहीं चूकना चाहती है. इसी क्रम में बीजेपी का ये कदम चुनावी नजर से काफी अहम साबित हो सकता है.

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